जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र के लिए 69,725 करोड़ के पैकेज को मंजूरी
नई दिल्ली, 24 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने बुधवार को जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के व्यापक पैकेज को मंजूरी दी है। यह निर्णय ‘समग्र चार स्तंभ दृष्टिकोण’ के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य घरेलू जहाज निर्
केंद्र सरकार ने शिपबिल्डिंग और समुद्री क्षेत्र के लिए 69,725 करोड़ रुपये के पैकेज को दी मंजूरी


नई दिल्ली, 24 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने बुधवार को जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के व्यापक पैकेज को मंजूरी दी है। यह निर्णय ‘समग्र चार स्तंभ दृष्टिकोण’ के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य घरेलू जहाज निर्माण, समुद्री वित्त व्यवस्था और उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है।

प्रेस सूचना महानिदेशक धीरेंद्र ओझा ने एक्स पर जानकारी दी कि कैबिनेट ने 69,725 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है, जिससे भारत के जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को पुनर्जीवित किया जाएगा। यह पहल जहाज निर्माण, समुद्री वित्तपोषण और घरेलू क्षमता को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है।

सरकार ने जहाज निर्माण वित्तीय सहायता योजना (एसबीएफएएस) को 31 मार्च 2036 तक बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत 24,736 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें जहाज तोड़ने का क्रेडिट नोट भी शामिल है, जिसके लिए 4,001 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

इसके अलावा, समुद्री विकास कोष (एमडीएफ) के रूप में 25,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिससे इस क्षेत्र को दीर्घकालिक वित्त पोषण उपलब्ध कराया जाएगा। इसी क्रम में जहाज निर्माण विकास योजना (एसबीडीएस) के अंतर्गत 19,989 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसका लक्ष्य घरेलू जहाज निर्माण क्षमता को 4.5 मिलियन ग्रॉस टनेज तक बढ़ाना है।

सरकार का अनुमान है कि इस कदम से 4.5 मिलियन ग्रॉस टनेज की जहाज निर्माण क्षमता विकसित होगी, लगभग 30 लाख रोजगार उत्पन्न होंगे और करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश भारत के समुद्री क्षेत्र में आकर्षित होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर