दोहरी जिम्मेदारी : प्रशासनिक दायित्वों के साथ कर रहे सर्जरी
सिविल सर्जन डा अरुण कुमार टोंडर।


धमतरी, 24 सितंबर (हि.स.)। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डाॅ. अरुण कुमार टोंडर अपने प्रशासनिक दायित्वों के साथ ही सर्जन के रूप में भी अपनी सेवा दे रहे हैं। अपने व्यस्त कार्यों के बीच समय निकालकर ऑपरेशन थिएटर पहुंचकर मरीजों की सर्जरी कर रहे हैं। बीते छह महीने से मेजर और माइनर दोनों तरह की सर्जरी हुई है।

जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मार्च महीने से सर्जिकल विशेषज्ञ का पद रिक्त है। इसके बाद से सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक जिला अस्पताल धमतरी डाॅ: अरुण कुमार टोंडर अपने प्रशासनिक दायित्वों के साथ ही सर्जन की भूमिका भी निभा रहे हैं। मार्च महीने में सर्जन डाॅ उत्कर्ष नंदा ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। तब से सर्जन का पद रिक्त है। इनके जाने के बाद डाॅ टोंडर स्वयं सर्जरी कर रहे हैं। वे सर्जरी विशेषज्ञ हैं। महिला - पुरुष नसबंदी के साथ ही सामान्य और बच्चों की सर्जरी कर रहे हैं। जिला अस्पताल में धमतरी सहित पड़ोसी जिले बालोद, कांकेर, गरियाबंद और दुर्ग जिले के मरीज उपचार करवाने आते हैं। मरीजों की परेशानियों को ध्यान में रखकर डाॅ टोंडर स्वयं से सामने आकर सर्जरी कर रहे हैं।

सिविल सर्जन डाॅ टोंडर ने सत्र 2023-24 में महिला नसबंदी 505, पुरुष नसबंदी 65, जनरल सर्जरी 10 और बच्चों की 11 सर्जरी किए हैं। वहीं सत्र 2024 - 25 में महिला नसबंदी 275, पुरुष नसबंदी 25, जनरल सर्जरी 17 और बच्चों की 17 सर्जरी किए है। इसी तरह जनवरी 2025 से अगस्त तक 35 मेजर और 48 माइनर सहित कुल 83 सर्जरी किए हैं। समय-समय पर जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में शिविर आयोजित होने पर वहां जाकर भी सर्जरी करते हैं। अभी हाल ही में छह अगस्त को सिविल अस्पताल में 10 पुरुष नसबंदी की सर्जरी किए है। मालूम हो कि डाॅ अरुण कुमार टोडर ने 13 अगस्त को 2001 को सीएचसी गरियाबंद में नौकरी ज्वाइन की। इसके बाद चार साल जिला अस्पताल राजनांदगांव में पदस्थ रहे। वर्ष 2006 से 2017 तक सर्जन के रूप में जिला अस्पताल धमतरी में पदस्थ थे। इसके बाद वर्ष 2017 से 2022 तक जिला अस्पताल रायपुर में पदस्थ रहे। इसके बाद सिविल सर्जन के रूप में प्रमोशन होकर वापस चार अक्टूबर 2022 को जिला अस्पताल धमतरी आएं। तब से यहां निरंतर सेवा दे रहे हैं।

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डाॅ अरुण कुमार टोंडर ने बताया कि टीम भावना के साथ काम करते हुए प्रशासनिक पद का निर्वहन कर रहे हैं। टीम के लोगों को जिम्मेदारी देकर उनसे काम करवा रहे हैं। लंबे समय से सर्जरी करते आ रहे हैं। सर्जरी को अपना जूनून बताया। सर्जरी की पढ़ाई औरों से ज्यादा की है। तीन साल पढ़ाई करने के बाद दो साल अलग-अलग विषयों में सर्जरी की पढ़ाई की है। छह माह न्यूरो सर्जरी, छह माह जनरल सर्जरी की पढ़ाई किए हैं। सर्जरी करने के बाद सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आगे और अच्छा काम करने की प्रेरणा मिलती है। इसके साथ ही अधीनस्थ कर्मचारी भी प्रेरित होते हैं। सर्जरी करने से पहले मरीज ओपीडी में जांच, हमर लैब, सोनोग्राफी, मेडिकल, शिशु, महिला सहित अन्य विभागों से होकर गुजरता है। सर्जरी से पहले एक मूवमेंट तैयार होता है। इस टीम वर्क का अच्छा परिणाम आता है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा