पुस्तक समीक्षाः घाघ की कहावतें और सांस्कृतिक संदर्भ
प्रशांत शेखर
देश के लोक साहित्य और ग्रामीण कृषि संस्कृति में घाघ की कहावतों का विशेष स्थान है। यह कहावतें केवल शब्द नहीं , बल्कि ग्रामीण जीवन, कृषि परंपरा, सामाजिक व्यवहार और पारंपरिक ज्ञान का जीवंत दर्पण हैं। इन कहावतों में जीवन के विविध पहलुओं की
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