व्यंग्य विधा में ठहराव के लिए गंभीर विचार विमर्श करने की आवश्यकताः प्रेम जनमेजय
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। देश के जाने -माने वरिष्ठ व्यंग लेखक प्रेम जनमेजय ने कहा कि वर्तमान समय में व्यंग्य विधा में ठहराव के लिए, इस पर गंभीर विचार विमर्श करने की आवश्यकता है। यह बातें उन्हाेंने साहित्य अकादमी की ओर से शनिवार को आयाेजित व्यंग

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