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कोलकाता, 02 सितंबर (हि.स.)।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को विशेष सत्र के दौरान बड़ा राजनीतिक टकराव देखने को मिला। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल और बांग्ला अस्मिता पर चल रही चर्चा के बीच अचानक नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का मुद्दा उठा दिया। इस पर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने उन्हें बीच में टोकते हुए खुली चुनौती दे डाली।
बसु ने कहा, “बंगाल से अब तक सिर्फ 12 लोगों ने ही सीएए के तहत आवेदन किया है। यदि इस विषय पर चर्चा करनी है तो प्रस्ताव लाया जाए, हम उस पर बहस के लिए तैयार हैं लेकिन बांग्ला भाषा और बंगाल की पहचान पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे को क्यों लाया जा रहा है?”
इसी बहस के बीच शुभेंदु अधिकारी को सदन की कार्यवाही के दौरान ‘संविधान विरोधी आचरण’ का दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया। मार्शल की मदद से उन्हें सदन से बाहर किया गया, जिसके बाद भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया और सदन के अंदर-बाहर हंगामे का माहौल बन गया।
उल्लेखनीय है कि सीएए को लेकर राज्य में राजनीतिक घमासान लंबे समय से जारी है। तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि बंगाल में न तो सीएए लागू होगा और न ही एनआरसी। वहीं भाजपा लगातार दावा कर रही है कि यह कानून नागरिकता देने वाला है, छीनने वाला नहीं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर