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सोनीपत, 2 सितंबर (हि.स.)। सोनीपत जिले के यमुना किनारे बसे गांवों में नदी का जलस्तर
बढ़ने से खेती की भूमि कटाव का शिकार होने लगी है। गन्नौर से दिल्ली बॉर्डर तक लगभग
दो हजार एकड़ भूमि की फसल में पानी भरा है। करीब 30 गांव नदी के किनारे स्थित हैं। इन
गांवों में सोमवार शाम तक कई जगह कटाव शुरू हो गया और फसलों में पानी भर गया।
गन्नौर और राई क्षेत्र के 6-7 गांवों के खेतों तक पानी पहुंच
चुका है। गन्नौर के बेगा, चंदौली, पबनेरा, ग्यासपुर तथा राई के भैंरा, दहिसरा और मुरथल
क्षेत्र के बख्तावरपुर, गढ़ी, मेहंदीपुर, जैनपुर व टकौला गांव बाढ़ के खतरे की चपेट
में हैं। बरसात के मौसम में हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर
तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को दोपहर तक नदी में डिस्चार्ज की स्थिति इस प्रकार रही
सुबह 9 बजे 3,29,313 क्यूसेक, 10 बजे 3,21,653 क्यूसेक, 11 बजे 3,19,363 क्यूसेक,
12 बजे 3,23,180 क्यूसेक, 1 बजे 3,22,416 क्यूसेक और 2 बजे 3,03,519 क्यूसेक। इस बढ़ते
प्रवाह से यमुना क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका बढ़ गई है। यह पानी अभी
तक पहुंचा नहीं है जब पानी आएगा तो प्रभाव दिखएगा।
संभावित खतरे को देखते हुए अतिरिक्त उपायुक्त लक्षित सरीन
ने आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि यमुना किनारे नालों, पुलों और रिंगबंधों की
सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने जरूरी हैं। इसके तहत प्रभावित गांवों में तुरन्त प्रभाव
से ठीकरी पहरे और गश्त ड्यूटी अनिवार्य की गई है। आदेशों के अनुसार, यमुना किनारे बसे
सभी गांवों की ग्राम पंचायतें दिन-रात गश्त सुनिश्चित करेंगी और गांवों के युवा पुरुष
निवासी गश्त ड्यूटी में शामिल होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना