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कोलकाता, 02 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विपक्ष के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक शुभेंदु अधिकारी को कार्यवाही से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। उन्होंने सदन के भीतर भारतीय सेना के समर्थन में नारे लगाए, जिसके बाद स्पीकर ने यह कदम उठाया।
पूरा विवाद उस घटनाक्रम से जुड़ा है जिसमें सोमवार को कोलकाता के मैदान क्षेत्र में सेना ने तृणमूल कांग्रेस का धरना मंच हटा दिया था। यह क्षेत्र सेना के ईस्टर्न कमांड के अधिकार क्षेत्र में आता है। सेना का कहना है कि मंच के लिए केवल दो दिन की अनुमति ली गई थी, जबकि तृणमूल का धरना कई दिनों से जारी था।
मंगलवार को राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए कहा कि जब सेना ने हमारा मंच हटाया तो यह दृश्य 25 मार्च 1971 को ढाका में पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी की याद दिला गया। सेना ने राजनीतिक कारणों से हमारा मंच हटाया।
बसु की इस टिप्पणी से भाजपा विधायकों में आक्रोश फैल गया। शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने भारतीय सेना के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी और शिक्षा मंत्री पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाया।
स्थिति बिगड़ने पर स्पीकर बिमान बनर्जी ने सदन में मार्शल को बुलाने का आदेश दिया। हालांकि, उससे पहले ही भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में वॉकआउट कर गए।
सदन से बाहर आकर शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मुझे एक बार फिर निलंबित किया गया है। भारतीय सेना के पक्ष में बोलने के लिए मुझे निलंबित होना पड़ा। मुझे सेना पर गर्व है और कोई भी हमें सेना के समर्थन में आवाज उठाने से रोक नहीं सकता।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर