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शिमला, 02 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश इन दिनों भीषण बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से जूझ रहा है। यह प्राकृतिक आपदा सैकड़ों लोगों की जान ले चुकी है और हजारों परिवार बेघर हो चुके हैं। खेत-खलिहान, आजीविका और जीवन भर की पूंजी गंवाकर लोग गहरे संकट में हैं। इस कठिन समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सेवा भारती के कार्यकर्ता निस्वार्थ भाव से राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं और मानवता की एक प्रेरणादायक मिसाल पेश कर रहे हैं।
सेवा में समर्पण और तत्परता
चाहे राहत सामग्री पहुँचाना हो, फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाना हो, या फिर भूखे-प्यासे प्रभावितों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करनी हो — संघ और सेवा भारती के स्वयंसेवक हर मोर्चे पर पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं। कई स्थानों पर आपातकालीन लंगर, स्वास्थ्य शिविर और आवास की सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
475 से अधिक कार्यकर्ता मैदान में
हिमाचल प्रांत सेवा प्रमुख महेन्द्र के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 475 स्वयंसेवक राज्य के विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सक्रिय रूप से सेवा कार्यों में लगे हुए हैं। प्रदेशभर में 68 स्थाई सेवा केंद्र कार्यरत हैं, जो राहत कार्यों का संचालन कर रहे हैं। इनके अतिरिक्त 23 अन्य नगरों में भी सेवा कार्य चल रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में 68 स्थाई सेवा कार्य केन्द्र कार्यरत हैं। चम्बा 3, नूरपुर 5, जोगिंद्रनगर 2, देहरा 1, बिलासपुर 2, हमीरपुर 6, ऊना 3, मण्डी 4, सुन्दर नगर 3, सरकाघाट 1, बंजार 2, कुल्लू 9, रामपुर 5, करसोग 1, किन्नौर 1, शिमला 6, रोहड़ू 1, ठियोग 2, दालड़ा 1, सोलन 5, नालागढ़ 3, नाहन 2 है। इसके अतिरिक्त 23 अन्य नगरों में भी सेवा कार्य चल रहे हैं।
महेन्द्र ने जिला स्तर पर आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि केवल चम्बा में ही 13 स्वयंसेवक, तीसा में 4, नूरपुर 7, कांगड़ा 23, पालमपुर 11, श्रीमान जोगिंद्रनगर 9, देहरा 6, बिलासपुर 20, हमीरपुर 12, ऊना 16, मण्डी 15, सरकाघाट 6, सुन्दर नगर 9, बंजार 8, कुल्लू 12, रामपुर 6, किन्नौर 4, करसोग 7, शिमला 21, महासू 4, रोहड़ू 10, दालड़ा 8 और सोलन 15 स्वयंसेवक निरंतर सेवा में जुटे हुए हैं।
मानवता की मिसाल पेश कर रहे स्वयंसेवक
मणिमहेश यात्रा से जुड़ी कई जगहों का संपर्क टूट चुका है। इसके बावजूद स्वयंसेवक भरमौर में फंसे यात्रियों को अपने वाहनों में सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं। चम्बा में लगातार लंगर चल रहा है और श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क परिवहन व स्वास्थ्य सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं। अब तक लगभग 500 श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा चुका है।
महेन्द्र का कहना है कि इस विकट घड़ी में संघ और सेवा भारती के कार्यकर्ता यह सिद्ध कर रहे हैं कि सच्ची सेवा केवल सहायता नहीं, बल्कि संवेदनाओं को बाँटना और आशा की ज्योति जलाना है। उनकी यह निस्वार्थ तत्परता हिमाचल ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला