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पानीपत, 2 सितंबर (हि.स.)। पहाड़ी क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के कारण निचले स्थानों पर यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। वहीं हथिनी कुंड बैराज से तीन लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण पानीपत में यमुना नदी से सटते क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है । मंगलवार को पानीपत प्रशासन ने पूरी तरह से अलर्ट जारी कर दिया है। पानीपत में यमुना नदी से लगते गांव में अब बाढ़ का खतरा ग्रामीणों को सताने लगा है। यमुना नदी से सटे तमाशा बाद, पत्थर गढ़, नवादा, मिर्जापुर, राणा माजरा सहित आठ गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। वहीं समालखा क्षेत्र में हथवाला, बिलासपुर और राकसहेड़ा गांवों में स्थिति चिंताजनक हो गई है। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण नदी का पानी किनारों से बाहर आ गया है। तीन गांव में अलग-अलग जगह पर तटबंध भी टूट गए थे, लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी से तटबंधों की मरम्मत करा दी गई है। ओर अन्य स्थानों पर भी दिन-रात लगातार प्रशासन व्यवस्था करवाने में जुटा हुआ है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधाओं का सामना न करना पड़े। समालखा क्षेत्र में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ जैसे हालातों से निपटने के लिए रेत से भरे बैग व अन्य संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। बता दे कि किसानों का यमुना जलस्तर से काफी नुकसान हुआ है, पानी खेतों में भर चुका है। जिसमें खेतों में खड़ी फसल भी डूब चुकी है किसानों को लगातार बढ़ का खतरा सता रहा है।पानीपत प्रशासन आपात स्थिति से निपटने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है। वहीं, आट्टा यमुना पुल पर लोगों की भीड़ जमा है। कई लोग मोटरसाइकिल और गाड़ियों के साथ वहां पहुंच रहे हैं और सेल्फी ले रहे हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि इस बारिश के कुछ फायदे भी हैं। जल स्रोतों में वृद्धि से अगले फसल सत्र में अच्छी पैदावार की उम्मीद है। हालांकि अभी शाम तक जलस्तर और बढ़ने की आशंका है ।वहीं जिला उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने आगामी 5 सितंबर तक सभी विभाग अध्यक्षों को आदेश दे दिए है कि बरसात के मौसम को देखते हुए जिला मुख्यालय ना छोड़े।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा