लखनऊ और कानपुर में एनसीसी मॉडल पर ई-बसों के संचालन को कैबिनेट की मंजूरी
लखनऊ,02 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए जनपद लखनऊ और जनपद कानपुर नगर के साथ-साथ उनके समीपवर्ती महत्वपूर्ण कस्बों में नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (NCC) मॉडल के तहत इलेक्ट्रिक बसों (ई-बस)
कैबिनेट की बैठक करते मुख्यमंत्री


लखनऊ,02 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए जनपद लखनऊ और जनपद कानपुर नगर के साथ-साथ उनके समीपवर्ती महत्वपूर्ण कस्बों में नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (NCC) मॉडल के तहत इलेक्ट्रिक बसों (ई-बस) के संचालन को मंजूरी प्रदान की है। इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य नगरीय परिवहन को पर्यावरण-अनुकूल, व्यवस्थित, और उपभोक्ता-केंद्रित बनाना है, साथ ही सरकारी वित्तीय बोझ को कम करते हुए निजी निवेश को प्रोत्साहित करना है।

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस निर्णय की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मॉडल नागरिकों के आवागमन की सुविधा सुनिश्चित करते हुए निजी ऑपरेटरों को अधिक व्यावसायिक स्वतंत्रता और प्रोत्साहन प्रदान करके परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाएगा। यह योजना पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी नवाचार, और उपभोक्ता संतुष्टि को बढ़ावा देगी, जिससे नगरीय परिवहन और अधिक सुलभ और टिकाऊ बनेगा।

प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस योजना के पर्यावरणीय और सामाजिक लाभों पर जोर देते हुए कहा, ई-बसों का संचालन न केवल वायु प्रदूषण को कम करेगा, बल्कि यात्रियों को आधुनिक, आरामदायक, और समयबद्ध परिवहन सेवाएं प्रदान करेगा। निजी ऑपरेटरों की प्रतिस्पर्धा से नवीनतम तकनीकों का उपयोग और सेवा में निरंतर सुधार होगा, जिसका सीधा लाभ आम जनता को मिलेगा।निजी ऑपरेटरों को दक्षता, समयबद्धता, और उपभोक्ता संतुष्टि पर ध्यान देना होगा, जिससे परिवहन सेवाएं और अधिक विश्वसनीय बनेंगी।

उन्होंने बताया कि यह पायलट प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश में नगरीय परिवहन के क्षेत्र में एक नया मॉडल स्थापित करेगा। यदि यह परियोजना सफल रहती है, तो इसे प्रदेश के अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है। इससे न केवल परिवहन सेवाएं और सुलभ होंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन