धोखाधड़ी मामले में मेडिकल कॉलेज के निदेशक फरार घोषित, आरोपित के घर की कुर्की की नोटिस चस्पा
वाराणसी,02 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में छात्रों से फीस व रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा लेकर उन्हें फर्जी डिग्री व प्रमाण पत्र देने के मामले में न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (अष्टम) की अदालत ने इस माम
धोखाधड़ी मामले में मेडिकल कॉलेज के निदेशक फरार घोषित, आरोपित के घर की कुर्की की नोटिस चस्पा


वाराणसी,02 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में छात्रों से फीस व रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा लेकर उन्हें फर्जी डिग्री व प्रमाण पत्र देने के मामले में न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (अष्टम) की अदालत ने इस मामले में जैतपुरा स्थित सृजन इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस कॉलेज के निदेशक डॉ. सुदामा पटेल के कोर्ट में हाजिर न होने पर उसे फरार घोषित कर गैर जमानती वारंट जारी किया। इसके बाद आरोपित के घर पर कुर्की की नोटिस चस्पा किया गया। अदालत में वादी की ओर से उनके अधिवक्ता विकास सिंह ने पक्ष रखा।

प्रकरण के अनुसार धवकलगंज, कपसेठी निवासी संजय कुमार गुप्ता एवं कोपागंज, मऊ निवासी दिवाकर चौहान ने कोर्ट के आदेश पर जैतपुरा थाने में सृजन इन्स्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस अग्रसेन नगर कालोनी, पाण्डेयपुर थाना जैतपुरा के निदेशक डाॅ. सुदामा पटेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि प्रार्थीगण ने सृजन इन्स्टीट्यूट की अग्रसेन नगर काॅलोनी, पाण्डेयपुर थाना जैतपुरा, वाराणसी शाखा में डी.फार्मा कोर्स करने के लिए सत्र 2015-16 में 20 मार्च 2015 को संपूर्ण फीस जमा कर प्रवेश लिया था। कोर्स पूरा होने के बाद तीन माह का इंटर्नशिप कोर्स भी पूर्ण कराया गया। जिसके बाद संस्था ने प्रार्थी गण को मार्कशीट व डिग्री प्रदान किया। नेट के माध्यम से सत्यापन कराने पर संस्था की दी गई मार्कशीट व डिग्री शो नहीं कर रहा था। इसके बाद जब निदेशक डाॅ. सुदामा पटेल से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मार्कशीट व डिग्री उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद शो करेगी। जिस पर पीड़ितों ने फार्म भर कर सभी प्रमाणपत्रों के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए उप्र फार्मेसी काउंसिल लखनऊ में जमा किया। तो कार्यालय द्वारा सूचित किया गया कि आप लोगों का प्रमाण पत्र फर्जी है। इस पर जब संस्था के निदेशक से पुनः सम्पर्क करने पर उन्होंने बलिया निवासी गुन्जैश पाण्डेय नामक व्यक्ति से मुलाकात करने की बात कहकर कर उसे सुविधा शुल्क देकर रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कही। जिस पर प्रार्थीगण ने गुन्जैश पाण्डेय से मिलकर उसे प्रत्येक अभ्यर्थी ने 30 हजार रुपये व रजिस्ट्रेशन फार्म दे दिये। एक सप्ताह बाद सम्पर्क करने के बाद उसने बताया कि सभी का पंजीकरण करवा कर सभी प्रमाण पत्र व ग्रीन कार्ड निदेशक के पास वाराणसी भेज दिया गया है। आप लोग निदेशक से सम्पर्क करके अपना प्रमाण पत्र व रजिस्ट्रेशन का कार्ड ले लीजिये। जब प्रार्थीगण संस्था में आकर डाॅ. सुदामा पटेल से सम्पर्क किये तो निदेशक ने गाली देते हुए जान से मारने की धमकी देकर वहां से भगा दिए।

इस मामले में आरोपित के कोर्ट में हाजिर न होने पर प्रार्थीगण ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट से प्रगति आख्या रिपोर्ट तलब करने के गुहार लगाई। जिस पर जैतपुरा थाने के विवेचक ने कोर्ट में आख्या दी कि इस मामले में आरोपित के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर जीआर जमानती वारंट कर उसके घर कुर्की की नोटिस चस्पा कर दी गई है और आरोपित के गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी