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धर्मशाला, 02 सितंबर (हि.स.)। पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते ब्यास नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। भारी बारिश के कारण कांगड़ा जिला के पौंग बांध का जलस्तर लगातार चौथे दिन खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। मंगलवार को भी बांध से 78891 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। मंगलवार सुबह 9 बजे पौंग डैम का जलस्तर 1,390.84 फीट दर्ज किया गया, जो निर्धारित खतरे के निशान 1,390 फीट से थोड़ा अधिक है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को पौंग बांध का जलप्रवाह 1,32,618 क्यूसेक रहा। सोमवार को यह 79,790 क्यूसेक था। इस प्रकार, 24 घंटों में जलप्रवाह में 52,828 क्यूसेक की वृद्धि हुई है। जलस्तर बढ़ने के कारण परियोजना की छह चालू मशीनों और स्पिलवे गेटों के जरिए 79,891 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हालांकि मंगलवार का जलप्रवाह सोमवार के 1,09,920 क्यूसेक से कम था। इसमें से 17,079 क्यूसेक पानी टरबाइन के जरिए , जबकि 62,812 क्यूसेक स्पिल-वे गेटों से छोड़ा गया। वहीं शाहनहर बैराज के निचले हिस्से में 68,391 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि मुकेरियां हाइडल चैनल में 11,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
कांगड़ा जिला के निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी
प्रदेश में बारिश का दौर जारी है जिससे बांध से और पानी छोड़ा जा सकता है। इसको देखते हुए कांगड़ा जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है। किसानों और आम लोगों को नदी के पास खड़ी फसलों और बस्तियों के जलमग्न होने की आशंका के बारे में चेतावनी दी है।
पालमपुर में सबसे ज्यादा 102.8 मिमी बारिश हुई
कांगड़ा जिला के पालमपुर में पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक 102.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे ऊपरी घाटी में छोटी नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं। शाहपुर और नादौन में 53 मिमी से अधिक वर्षा हुई, जबकि हरसर (40.2 मिमी), हरिपुर (32 मिमी), जोगिंदर नगर (32 मिमी) और नांगल चौक (32 मिमी) में मध्यम वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा भरवाईं (30 मिमी), देहरगोपीपुर (30 मिमी), गुलेर (24.4 मिमी), बैजनाथ (24 मिमी), नगरोटा सूरियां (22.2 मिमी), घमरूर (21.6 मिमी) और सुजानपुर (20.2 मिमी) बारिश दर्ज की गई है।
उधर उपायुक्त हेम राज बैरवा ने बताया कि जिक प्रशासन और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से हालात और नजर रखी जा रही है। आपदा प्रबंधन टीमों, पंचायतों और राजस्व अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है। निचले इलाकों के ग्रामीणों, विशेष रूप से इंदौरा और फतेहपुर उपखंडों के निचले इलाकों में, बाढ़ग्रस्त खेतों और नदी के किनारों से दूर रहने की सलाह दी गई है। यदि जल स्तर और बढ़ता है तो प्रभावित परिवारों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने के लिए आकस्मिक व्यवस्थाएं की गई हैं। अधिकारी पौंग बांध के जलाशय के जल स्तर पर कड़ी नजऱ रख रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया