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दुबई, 02 सितंबर (हि.स.)। ईरान ने मंगलवार को संकेत दिया कि अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता के दरवाजे पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं, लेकिन वाशिंगटन की ओर से मिसाइल कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने की मांग किसी भी समझौते की राह में सबसे बड़ी रुकावट है।
ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सचिव अली लारिजानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, “हम तर्कसंगत बातचीत चाहते हैं, लेकिन वे मिसाइल प्रतिबंध जैसी अव्यावहारिक शर्तें रखकर वार्ता को असंभव बना रहे हैं।”
जून में इजराइल और अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले और उसके जवाब में ईरान द्वारा इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल दागने के बाद छठे दौर की परमाणु वार्ता स्थगित कर दी गई थी।
पश्चिमी देशों को आशंका है कि ईरान का यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम परमाणु हथियार बनाने में इस्तेमाल हो सकता है और वह बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित कर रहा है जो ऐसे हथियार ले जा सकें। हालांकि, ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ बिजली उत्पादन और नागरिक उपयोग के लिए है।
लारिजानी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पिछले सप्ताह फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन (ई3) ने स्नैपबैक मैकेनिज्म शुरू किया है, जिससे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध फिर से लागू हो सकते हैं। ई3 देशों ने ईरान से अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में शामिल होने का आग्रह किया है ताकि प्रतिबंधों को छह महीने तक टाला जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय