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नई दिल्ली, 2 सितंबर (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने अपने टिकट जांच कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक साइन-ऑन और साइन-ऑफ प्रणाली शुरू की है। रेलवे का कहना है कि यह कदम संचालन के आधुनिकीकरण और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा और यात्रियों के समग्र अनुभव को बेहतर बनाएगा।
इस नई प्रणाली के तहत कर्मचारी आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरण का उपयोग करके लॉबी में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। इससे उपस्थिति रिकॉर्ड पूरी तरह छेड़छाड़-रहित, पारदर्शी और गोपनीयता-अनुपालन होंगे। साथ ही, यह वास्तविक समय में कार्य घंटों और ड्यूटी स्थिति को दर्ज कर प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाएगी।
रेल मंत्रालय ने बताया कि 29 अगस्त को पहली डिजिटल टीटीई लॉबी पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पर शुरू की गई। इसके बाद यह प्रणाली उत्तर रेलवे के बनारस मंडल, पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल, मध्य रेलवे के सीएसएमटी, पुणे और सोलापुर, पूर्व रेलवे के मालदा, दक्षिण पश्चिम रेलवे के मैसूर, पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल और कोटा, दक्षिण रेलवे के मदुरै, पालघाट व त्रिची सहित कई मंडलों में लागू की जा चुकी है। उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे में भी इसे चरणबद्ध तरीके से अपनाया जा रहा है, जबकि उत्तर रेलवे का जम्मू मंडल जल्द ही इस सूची में शामिल होगा।
बायोमेट्रिक प्रणाली का उद्देश्य उपस्थिति की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना, कर्मचारियों की उपलब्धता का वास्तविक समय में ट्रैक रखना, कार्य घंटों और लॉबी संचालन की निगरानी करना तथा ड्यूटी रोस्टर और हैंडहेल्ड टर्मिनलों के साथ समन्वय स्थापित करना है।
रेलवे का मानना है कि इस प्रणाली से न केवल टिकट जांच कर्मचारियों की कार्यकुशलता और पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि यात्रियों को भी अधिक सुगम और बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार