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-कम्बोडिया व लाओस से संचालित किया जा रहा था कॉल सेंटर
-एक दिन पहले पुलिस ने एक आरोपी को किया था काबू
गुरुग्राम, 2 सितंबर (हि.स.)। कम्बोडिया व लाओस में फर्जी ट्राई कर्मचारी और फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट करके व इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने के आरोप में तीन महिलाओं समेत चार आरोपियों को काबू किया है। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने मंगलवार को बताया कि इसी केस में सोमवार को एक आरोपी को काबू किया गया था। मंगलवार को काबू किए गए आरोपियों के कब्जा से चार पासपोर्ट व चार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपित महिला रितिका व आरोपी हेमंत दोनों भाई-बहन हैं। इनकी (रितिका व हेमंत) बहन मीनाक्षी वर्ष-2023 में अपने एक पाकिस्तान दोस्त के साथ कंबोडिया गई थी। मीनाक्षी वहां अपने पाकिस्तानी दोस्त के साथ मिलकर कॉल सेंटर के माध्यम से फर्जी सीबीआई, ट्राई व ईडी आदि विभाग के कर्मचारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी का काम करने लगी। मीनाक्षी ने जुलाई-2024 में पहले हेमंत को फिर कुछ दोनों के बाद रितिका को भी कंबोडिया बुला लिया। सभी डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी करने लगे। पुलिस टीम द्वारा आरोपी शिवा व उसके भाई मानव को गिरफ्तार किया गया था। आरोपित महिला प्राची वर्मा उर्फ परी आरोपित महिला रितिका की दोस्त है। प्राची का दोस्त आरोपी शिवा है। रितिका से बात होने के बाद आरोपित महिला प्राची, आरोपी शिवा व शिवा के भाई के पत्नी/शिवा की भाभी सेजल उपरोक्त आरोपित महिला भी अगस्त-2024 में कंबोडिया चले गए। वे सभी साथ मिलकर चीन व पाकिस्तान मूल के लोग द्वारा संचालित कॉल सेंटरों के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगे। इस केस में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब काबू किए गए आरोपियों को चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। इन आरोपियों को तब पकड़ा गया है, जबब एक पीडि़त ने 14 मई 2025 को पुलिस थाना साइबर अपराध में अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दी थी।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर