जन सहभागिता से कर सकते हैं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना: डा. अरूण सक्सेना
लखनऊ,02 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय कैम्पा के अन्तर्गत वार्षिक प्रचालन योजना के प्रस्ताव तथा अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजिटल एपीओ पोर्टल को लागू करने के अवसर पर आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परि
कार्यशाला को संबोधित करते डा. अरूण सक्सेना


लखनऊ,02 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय कैम्पा के अन्तर्गत वार्षिक प्रचालन योजना के प्रस्ताव तथा अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजिटल एपीओ पोर्टल को लागू करने के अवसर पर आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरूण कुमार सक्सेना ने किया।

वन मंत्री ने कहा कि हम सबको हमेशा याद रखना है कि व्यापक जन सहयोग व जन सहभागिता से ’सबका साथ-सबका विकास-सबका प्रयास-सबका विश्वास’का मूलमन्त्र आत्मसात कर ही जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करते हुए सुरक्षित रह सकते हैं। इस भावना का अनुपम उदाहरण वृक्षारोपण महा अभियान के अन्तर्गत 9 जुलाई 2025 को प्रदेश में एक दिन में 37 करोड़ से अधिक पौध रोपित किये गये।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश सुनील चौधरी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय कैम्पा के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश कैम्पा ने वृक्षारोपण, पौधशाला की गुणवत्ता में सुधार, गोरखपुर जनपद में जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र की स्थापना, मानव वन्यजीव संघर्ष न्यून करने हेतु मेरठ, पीलीभीत, चित्रकूट एवं महाराजगंज में रेस्क्यू सेंटर की स्थापना, विभागीय पौधशालाओं में सोलर वाटर पम्प की स्थापना, वन क्षेत्र में गस्त हेतु तथा विन्ध्य बुन्देलखण्ड, शिवालिक तथा ब्रजभूमि क्षेत्र में भूमि एवं जल संरक्षण कार्य सहित विभिन्न कार्य सम्पादित करवाये गये है।

संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय कैम्पा भारत सरकार निशान्त वर्मा ने उत्तर प्रदेश प्रतिकारात्मक वनरोपण निधि प्रबन्धन एवं योजना प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश स्टेट कैम्पा तथा वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया ।

राष्ट्रीय कैम्पा भारत सरकार तथा भारत सरकार की एनआईसी टीम की ओर से डिजिटल वार्षिक प्रचालन योजना को परिवेश 2.0 पर तैयार किये जाने की समस्त प्रक्रियाओं से अवगत कराने के साथ ही प्रशिक्षण प्रदान किया गया व कठिनाइयों का निराकरण किया गया।

कार्यशाला में उत्तरी क्षेत्र के 9 राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड, चण्डीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख एवं हिमाचल प्रदेश के प्रतिभागियों ने ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रतिभाग किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन