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नई दिल्ली, 02 सितंबर (हि.स.)। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश का पहला विश्वविद्यालय बनने का गौरव हासिल किया है, जिसने अपने सभी पाठ्यक्रमों को एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) आधारित शिक्षा प्रणाली में बदल दिया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री प्रो. (डॉ) महेश वर्मा ने मंगलवार को कहा कि यह पहल शिक्षा को अधिक इंटरैक्टिव, व्यक्तिगत और आजीवन बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन है। उन्होंने बताया कि एलएलएम अब केवल बड़े भाषा मॉडल तक सीमित नहीं है, बल्कि आजीवन शिक्षा मॉडल का भी प्रतीक है, जो हर छात्र के लिए कभी भी, कहीं भी सीखने की सुविधा उपलब्ध कराएगा।
इस अवसर पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि एलएलएम छात्रों को रटने वाली पढ़ाई से मुक्त कर नवाचार और जिज्ञासा-आधारित सीखने को प्रोत्साहित करेगा।
विश्वविद्यालय ने पहला एलएलएम-संचालित पाठ्यक्रम अंतरराष्ट्रीय वित्त विषय से शुरू किया है, जिसे शीघ्र ही अन्य सभी कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों में लागू किया जाएगा। इसके जरिए छात्र अपने मोबाइल या डिजिटल माध्यमों से पाठ्यक्रम की जानकारी, अध्ययन सामग्री और व्यावहारिक कार्यों में मदद ले सकेंगे।
पाठ्यक्रम को डिजाइन करने वाले प्रो. गगनदीप शर्मा ने बताया कि छात्र छोटे, लंबे या संवादी किसी भी रूप में प्रश्न पूछ सकते हैं और उन्हें सटीक व प्रासंगिक उत्तर प्राप्त होंगे। इससे सीखने की प्रक्रिया अधिक गहन और सहज हो जाएगी।
विश्वविद्यालय का कहना है कि जैसे कैलकुलेटर ने जटिल गणनाओं को आसान बनाया था, वैसे ही एलएलएम शिक्षा को रटने से तर्क, स्थिर नोट्स से संवाद और निष्क्रिय कक्षाओं से सक्रिय एवं रचनात्मक बातचीत की ओर ले जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार