प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भेंट की मंदसौर की दसवीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा
मंदसौर, 17 सितंबर (हि.स.)। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने जन्मदिवस के अवसर पर बुधवार काे मध्य प्रदेश में थे। वे प्रदेश के धार में पीएम मित्र पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान उनका स्वागत करते समय में प्रदेश के मुखिया मुख्यमं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भेंट की मंदसौर की दसवीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा


मंदसौर, 17 सितंबर (हि.स.)। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने जन्मदिवस के अवसर पर बुधवार काे मध्य प्रदेश में थे। वे प्रदेश के धार में पीएम मित्र पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान उनका स्वागत करते समय में प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक विशिष्ट प्रतिमा उपहार स्वरूप भेंट की यह प्रतिमा मंदसौर में खुदाई के समय निकली थी जो अपना विशिष्ट महत्व रखती है। इस प्रकार की एक अन्य प्रतिमा नई दिल्ली में बने मध्य प्रदेश भवन में भी है। मंदसौर कलेक्टर अदिती गर्ग ने बताया कि यह मूर्ति बेहद दुर्लभ है, मूलत: मंदसौर जिले के भानपुरा के गाव कंवला के मंदिर में प्रतिष्ठित रहीं, जिसके बारे में अधिक जानकारी पुरातत्वेदो द्वारा जुटाई गई थी।

उक्त प्रतिमा की जानकारी

भगवान श्री विष्णु जी के महा-वराह अवतार की प्रतिमा मंदसौर जिले के भानपुरा तहसील के ग्राम कंवला (प्राचीन नाम कमला पुर) के मंदिर में मूलत: सदियों तक प्रतिष्ठित रही ,दसवीं सदी की परमार युगीन शिल्प कला अलंकरणों से युक्त श्री विष्णुजी के प्रमुख शक्तिशाली अवतार भगवान श्री महावराह जी की यह प्रतिमा संप्रति मध्य प्रदेश राज्य पुरातत्व संग्रहालय में संरक्षित हैं। जिसकी सर्वांग समता लिए यह प्रतिमा विलक्षण है। इस मूर्ति के माध्यम से दर्शाया गया है कि किस प्रकार भगवान महा-वराह जी के इसी अवतार ने रसातल में समाई हुई पृथ्वी देवी को पुन: समुद्र से ऊपर लाकर समुद्र तल पर स्थापित किया। दैत्य हिरण्याक्ष से वरुण लोक में (समुद्र में) प्रबल संघर्ष के बाद भगवान महा वराह ने भू देवी को तल पर प्रतिष्ठित कर देवता और लोक कल्याण के लिए दैत्यराज हिरण्याक्ष का वध कर विश्व को उस दैत्य के आतंक से मुक्ति दिलाई थी । भगवान महावराह ने रसातल से भू देवी को अपनी बांई भुजा का आश्रय देते हुए अपने वराह रूप के विकराल दांतों से सहारा देते हुए ऊपर लाकर स्थापित किया था। यह प्राचीन अलौकिक सौंदर्य से युक्त प्रतिमा मंदसौर जिले का गौरव रही हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया