अदालत से रिहा गुनाहगार को मिला मृत्युदंड का सफल मंचन,रोमांच से बंधे रहे दर्शक
गाजियाबाद, 13 सितंबर(हि.स.)। गुनाहगार भले ही अदालत से रिहा हो जाये मगर कुदरत के दंड से बच नहीं सकता। प्यार, धोखा, गवाही और सबूतों में उलझे उदय नारकर के इस मराठी नाटक खरं सांगायचं तर का शनिवार को मंचन किया गया। सांगायचं तर का हिंदी रुपांतरण डा. वसुधा
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