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- पश्चिमी साझेदार के साथ अब तक का सबसे बड़ा सौदा, लेकिन रूसी आपूर्ति बनी रहेगी मुख्य आधार
बुडापेस्ट, 10 सितम्बर (हि.स.)। रूस से ऊर्जा आपूर्ति पर अत्यधिक निर्भर हंगरी ने ब्रिटेन की ऊर्जा कंपनी शेल के साथ 10 साल का नया गैस आपूर्ति समझौता किया है। हालांकि हंगरी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कदम रूस से दूरी बनाने या रूसी गैस पर निर्भरता कम करने के लिए नहीं है।
हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो ने मिलान में एक गैस सम्मेलन के दौरान बताया कि यह अब तक का पश्चिमी साझेदार के साथ सबसे लंबी अवधि और सबसे बड़ी मात्रा का अनुबंध है। इस समझौते के तहत 2026 से शुरू होकर 10 वर्षों तक हंगरी को कुल दो अरब घनमीटर गैस की आपूर्ति होगी।
इससे पहले, 2021 से 2027 तक सालाना 250 मिलियन घनमीटर गैस आपूर्ति का अनुबंध पहले से ही शेल के साथ था।
सिज्जार्टो ने कहा कि यह नई आपूर्ति रूस से आयातित गैस की जगह नहीं लेगी। उनके अनुसार, “हमारे लिए डाइवर्सिफिकेशन का मतलब मौजूदा स्रोतों और मार्गों को छोड़ना नहीं है, बल्कि नए स्रोत और मार्ग जोड़ना है।”
हंगरी ने रूस की गैजप्रोम कंपनी के साथ 15 साल का समझौता पहले ही किया हुआ है, जिसके तहत सालाना 4.5 अरब घनमीटर गैस की आपूर्ति 2036 तक सुनिश्चित है। हाल के वर्षों में इस अनुबंध को अतिरिक्त आपूर्ति समझौतों से भी पूरक किया गया है।
हंगरी की अधिकतर गैस आपूर्ति रूस से टर्कस्ट्रीम पाइपलाइन और उसकी बाल्कन स्ट्रीम विस्तार परियोजना के जरिये बुल्गारिया और सर्बिया से होकर आती है। यही कारण है कि हंगरी यूरोपीय संघ की उस योजना का लगातार विरोध करता रहा है, जिसमें रूसी जीवाश्म ईंधन आयात को पूरी तरह समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय