फरीदाबाद में बढ़ा यमुना का जलस्तर, खतरे के निशान से दो फुट नीचे
नदी किनारे के खेतों में भरा पानी, गांवों में कराई मुनादी फरीदाबाद, 9 अगस्त (हि.स.)। फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर खतरे निशाने से करीब दो फुट नीचे है। यमुना में अभी 613 फुट पानी बह रहा है, जबकि 615 फुट पर खतरे का निशान है। शुक्रवार रात से शुरु हुई बरस
गांव मोहना में यमुना नदी का बढ़ते जलस्तर का दृश्य।


नदी किनारे के खेतों में भरा पानी, गांवों में कराई मुनादी

फरीदाबाद, 9 अगस्त (हि.स.)। फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर खतरे निशाने से करीब दो फुट नीचे है। यमुना में अभी 613 फुट पानी बह रहा है, जबकि 615 फुट पर खतरे का निशान है। शुक्रवार रात से शुरु हुई बरसात और शनिवार दोपहर तक जारी बरसात के बाद यमुना में पानी और बढ़ गया है। अधिकारियों का कहना है कि यमुना का जलस्तर काफी ज्यादा है, लेकिन अभी तक उससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। सिंचाई विभाग के एसडीओ अरविंद शर्मा ने बताया कि यमुना का पानी अभी किसी भी गांव या खेतों में घुसना शुरू नहीं हुआ है। जिन किसानों से यमुना की तलहटी में खेती की हुई थी, वहीं पर पानी आया है। अभी तक यमुना का पानी खतरे के निशान तक नहीं पहुंचा है। हालांकि यमुना का जलस्तर काफी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि वीरवार की शाम को 65 हजार क्यूसिक पानी यमुना में छोड़ा गया था। जिसका असर अभी नहीं दिखाई दिया है। उन्होंने बताया कि एक लाख क्यूसिक पानी छोड़े जाने तक यहां पर कोई दिक्कत नहीं आती है। यमुना में पानी का स्तर भले ही खतरे के निशान पर नही पहुंचा है, लेकिन का जलस्तर काफी है। ऐसे में प्रशासन सभी तैयारियों को कर रहा है। यमुना के साथ बसे गावों में मुनादी कराकर सभी को पोनी से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। पानी में नाव चलाने पर रोक लगा दी गई है। गांव मोहना मे खादर को जोडऩे के लिए बनाए जा रहे पुल के निमार्ण कार्य को भी रोक दिया गया है। जंगल में पशु चराने वालों को वापस घर बुलाया गया है। फरीदाबाद क्षेत्र में यमुना करीब 30 किलोमीटर के हिस्से से होकर गुजरती है। यमुना के किनारे बसंतपुर, इस्माइलपुर, ददसिया, किड़ावली, दलेलपुर, लालपुर, भसकौला, महावतपुर, मौजाबाद, कांवरा कलां, चीरसी, कबूलपुर, मंझावली, घरोड़ा, घुड़ासन, चांदपुर, शाहजहांपुर, फज्जुपूर, अरुआ, साहुपूरा, मोठूका, छांयसा, और मोहना गांव बसे हुए हैं। यमुना नदी में जब भी पानी बढ़ता है इन गांव की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। इसके अलावा कई गांव में पानी भी घुस जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर