Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
शिमला, 9 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं से राहत और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए शनिवार को राजभवन शिमला में सावन मास की पूर्णिमा पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने यज्ञ में आहुति डालकर प्रदेश और देश की सुख-शांति तथा आपदा से मुक्ति की प्रार्थना की। लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ल और राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल के लोग धर्म को मानने वाले हैं और उनका अटूट विश्वास है कि ऐसे आयोजन देवभूमि को प्राकृतिक प्रकोप से बचाने में सहायक होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले दो-तीन वर्षों से प्रदेश में आपदाओं से भारी नुकसान हुआ है। हाल ही में वे मंडी जिले के सिरोज क्षेत्र में भी आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने गए थे, जहां जन-धन की भारी हानि हुई। हवन में आपदा का शिकार हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर मैत्री संस्था और राज्य रेडक्रॉस की महिलाओं ने राज्यपाल की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनके दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। राज्यपाल ने कहा कि रक्षासूत्र की नन्ही डोर न केवल कलाई, बल्कि आत्मा को भी जोड़ती है। उन्होंने रक्षाबंधन के पावन पर्व की सभी को शुभकामनाएं दीं।
विकास को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से करने पर जोर देते हुए राज्यपाल ने कहा कि अगर लोग नालों और खड्डों में बसेंगे तो नुकसान होना तय है। उन्होंने कहा कि सरकारों को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
हिमाचल और उत्तराखंड को लेकर एसटी हसन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह दूषित मानसिकता का परिचायक है, जबकि देवभूमि में सभी धर्मों का सम्मान और सबके कल्याण की भावना रहती है। ऐसे में उनकी मानसिकता को शुद्ध करने की आवश्यकता है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा