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- बोडो और अन्य 25 जातीय समुदायों का समान विकास बीटीआर चुनाव में हमारा मुख्य संकल्प : दिलीप सैकिया
तामुलपुर (असम), 09 अगस्त (हि.स.)। बोड़ोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) आंदोलन के दौरान लगभग 4,000 लोगों की जान चली गई, लेकिन 2014 में केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद, 2020 में बीटीआर शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए और 2021 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद, बीटीआर में एक भी अपहरण या एक भी बम विस्फोट नहीं हुआ है। मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले, कांग्रेस या अन्य दलों के मुख्यमंत्री बीटीआर में बहुत कम आते थे, अगर आते भी थे, तो कोकराझार से ही लौट जाते थे। मुझे मुख्यमंत्री बने लगभग साढ़े चार साल हो गए हैं और इस दौरान मैं बीटीआर के हर जिले- बाक्सा, तामुलपुर, उदालगुरी, चिरांग, कोकराझार में गया हूं। ये बातें मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार काे तामुलपुर जिले में आयोजित भाजपा की विजय संकल्प रैली में हिस्सा लेते हुए कही।
उन्होंने कहा कि मैंने सभी दलों, संगठनों और समुदायों के लोगों से मुलाकात की है, विचार-विमर्श किया है, जिसके परिणामस्वरूप बीटीआर में शांति और प्रगति लौटी है और विकास की एक नई लहर बह रही है। बीटीआर के बागानपाड़ा और गोरेस्वर में आयोजित दो विजय संकल्प सभा में, हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने चुनावी बिगुल फूंका। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीटीआर में विभिन्न समुदायों के लोग- बोडो, राभा, मदाही, बर्मन, सरनिया, कछारी, राजबंशी, कलिता, केओट, कोच, नाथ-योगी, गोरखा, बंगाली, मुस्लिम, उड़िया, राभा, संथाल, चाय जनजाति, सूत्रधार, आदिवासी और अन्य- कुल मिलाकर लगभग 36 विभिन्न समुदाय रहते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि बहुत से लोगों ने अभी तक बीटीआर को अपना नहीं माना है, इसका मुख्य कारण यह है कि कई समुदायों को अभी तक समान अधिकार नहीं मिले हैं। बीटीआर में कई लोगों की शिकायत है- मेरे पूर्वज, माता-पिता और मैं यहीं पैदा हुए थे और हमारी मृत्यु भी इसी जमीन पर होगी, लेकिन मेरे पूर्वजों के नाम की जमीन अभी तक मेरे नाम नहीं हुई है। अगर मुझे अपनी जन्मभूमि में ही अधिकार नहीं मिलेगा, तो मैं अपना अधिकार मांगने कहां जाऊंगा? इसके समाधान के तौर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा जीत के दृढ़ संकल्प के साथ चुनाव लड़ेगी और बीटीआर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में परिषद की सरकार बनाकर यह सुनिश्चित करेगी कि बीटीआर में कोई भी दूसरे दर्जे का नागरिक न रहे, सभी प्रथम श्रेणी के नागरिक हों।
डॉ. सरमा ने कहा कि हमने यूपीपीएल या बीपीएफ का विरोध नहीं किया है, बल्कि जनता के संकल्प को केवल भाजपा ही पूरा कर सकती है। इसलिए हम बीटीआर में सरकार बनाने के लिए अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीटीसी का गठन 2003 में हुआ था। 22 साल बीत जाने के बाद भी, कई गांव मुझे ज्ञापन भेजकर अनुरोध करते हैं कि हमारे गांव को बीटीआर से बाहर कर दिया जाए। अगर इन गांवों के लोगों को मान-सम्मान और गरिमा मिलती, तो कोई यह नहीं कहता कि हमें बीटीआर से बाहर निकालो। इसलिए, बीटीआर चुनाव लड़कर और सरकार बनाकर, हम उस खोए हुए मान-सम्मान और गरिमा को वापस लाएंगे।
आज, बीटीआर के बागानपारा और गोरेस्वर में आयोजित विजय संकल्प सभा में, असम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने उपस्थित हजारों कार्यकर्ताओं को मेरा बूथ सबसे मजबूत (मेरा बूथ सबसे मजबूत) की शपथ दिलाई और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम करने का आह्वान किया कि बीटीआर में अगली सरकार भारतीय जनता पार्टी की बने। अध्यक्ष सैकिया ने कहा कि बोडो भूमि में बोडो समुदाय के विकास के साथ-साथ, हमारी पार्टी और सरकार बोडो भूमि में रहने वाले अन्य 25 समुदायों के कल्याण और समग्र विकास के लिए काम करती रहेगी।
बोडो और सभी समुदायों का समान विकास इस बीटीआर चुनाव में भाजपा का मुख्य संकल्प है। यह संकल्प बीटीआर के सभी मतदाताओं के आशीर्वाद से पूरा होगा। अध्यक्ष सैकिया ने कहा कि 2016 से पहले और 2016 के बाद बीटीआर में बहुत बड़ा बदलाव आया है। 2016 से पहले, बीटीआर में जातीय संघर्ष, हिंसक घटनाएं आदि देखी गईं और 2016 के बाद, बीटीआर में शांति, सद्भाव और विकास कायम है।
सभा में कैबिनेट मंत्री जयंत मल्लाबरुवा, असम प्रदेश भाजपा के सांगठनिक महासचिव जीआर रवींद्र राजू, उपाध्यक्ष पुलक गोहाईं, उपाध्यक्ष रेखारानी दास बोडो, महासचिव ऋतुपर्णा बरुवा, सचिव रतुल शर्मा, जीएमडीए के अध्यक्ष नारायण डेका, तामुलपुर जिला भाजपा अध्यक्ष विक्टर दास समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता और अधिकारी उपस्थित थे।-------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय