जलबिरादरी ने पीपल को रक्षासूत्र बांध कर लिया पौधों के रखरखाव का संकल्प।
अमेठी, 9 अगस्त (हि.स.)। अमेठी जलबिरादरी की ओर से पवित्र रक्षाबंधन के पर्व पर प्रकृति प्रेमियों के साथ पीपल के वृक्ष को रक्षासूत्र बांधकर पौधरोपण के साथ उसके रखरखाव का संकल्प लिया गया। इस मौके पर पर्यावरणविद् डॉ अर्जुन पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कह
जल बिरादरी के लोगों ने लिया संकल्प


पीपल के पेड़ में रक्षा सूत्र बांधते हुए जलबिरादरी


अमेठी, 9 अगस्त (हि.स.)। अमेठी जलबिरादरी की ओर से पवित्र रक्षाबंधन के पर्व पर प्रकृति प्रेमियों के साथ पीपल के वृक्ष को रक्षासूत्र बांधकर पौधरोपण के साथ उसके रखरखाव का संकल्प लिया गया।

इस मौके पर पर्यावरणविद् डॉ अर्जुन पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि हरियाली धरती का श्रृंगार हैं। वृक्ष धरा के आभूषण हैं, पुरानी पीढ़ी की तरह विरवा पूत समान की भावना से जनमानस को जागरूक करना अपरिहार्य है। इस अवसर पर प्रकृति प्रेमी एवं वरिष्ठ साहित्यकार राजेश विक्रांत ने अपने सम्बोधन में कहा कि पौधों का रखरखाव करके ही धरती को हरा- भरा बनाकर अपने जीवन सूत्र पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। प्रकृति प्रेमी डॉ शिवम् तिवारी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वृक्ष बिना जल कहां?धरती वीरान न बने। अंधाधुंध हो रहे वृक्षों के कटाव को प्रतिबिंबित कर क्षेत्र को पानीदार बनाया जाना निहायत जरूरी है।

इस मौके पर डॉ अभिमन्यु पाण्डेय, संजय मिश्र, हेमलता त्रिपाठी,रीता पाण्डेय, शालिनी तिवारी ने भी रक्षासूत्र बांधते हुए लोगों को पंचवटी के वृक्षों पीपल ,बरगद ,

पाकड़,गूलर एवं नीम

के पेड़ लगाने के लिए उत्प्रेरित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश त्रिपाठी