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कानपुर, 09 अगस्त (हि.स.)। कानपुर कारागार के अधिकारियों ने शनिवार को रक्षा बंधन के त्यौहार को पर्व के रूप में मनाया। उन्होंने जेल में बंद कैदियों को राखी बांधने आयी उनकी बहनों को ऐसी विशेष सुविधाएं मुहैया कराई कि इससे अभिभूत होकर बहनों ने अपने कैदी भाईयों से वचन लिया कि अब भविष्य में कोई बुरा काम नहीं करेंगे। वैसे तो रक्षाबंधन के दिन देश की सभी कारागारों बंद कैदियों को अपनी बहनों से मुलाक़ात करने और राखी बंधवाने का मौक़ा मुहैया कराया जाता है लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर भाई-बहन के बीच लोहे की जाली की दीवार खड़ी रहती है। कानून की बेड़ियों में जकड़े भाई को बहन राखी बाँधने पहुंचीं। जिस भाई को अपनी बहन की रक्षा का वचन देना होता है। वो खुद काल कोठरी में सजा रूपी दिन काट रहा होता है।कानपुर जिला कारागार के अधिकारियों ने बहनो को भाइयों से मिलाने के लिए तमाम व्यवस्थाएं करते हुए जेल में बंद भाइयों को अपनी बहनों से मिलवाया। उन्होंने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर खुद की सुरक्षा और भविष्य में दोबारा अपराध न करने का वचन भी लिया। वहीं भाइयों को राखी बंद कर वापस आई बहनों की आंखें भी नाम दिखाई दी। उन्होंने बताया कि जिला कारागार प्रशासन की ओर से व्यापक इंतजाम किए गए हैं। अपने भाइयों से मिलने और त्योहार मनाने में किसी तरह की कोई समस्या भी नहीं हुई। ईश्वर से यही कामना है कि जेल में सजा काट रहे भाई जल्द से जल्द बाहर आकर एक बार फिर से इस समाज का हिस्सा बन सकें।जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने बताया कि शासन के निर्देश पर पूरे जिला कारागार परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा कारागार के बाहर स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा सहयोग किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप