शांतिकुंज में साधकों ने किया सामुहिक श्रावणी उपाकर्म
हरिद्वार, 09 अगस्त (हि.स.)। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सामूहिक श्रावणी उपाकर्म संस्कार का भव्य आयोजन हुआ। इसमें देश-विदेश से आये हजारों साधकों ने भाग लिया। इस दौरान हेमाद्रि संकल्प व दश स्थान आदि का वैदिक कर्मकाण्ड विधिवत
शांतिकुंज में रक्षाबंधन


शांतिकुंज में श्रावणी  उपाकर्म का आयोजन


हरिद्वार, 09 अगस्त (हि.स.)। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सामूहिक श्रावणी उपाकर्म संस्कार का भव्य आयोजन हुआ। इसमें देश-विदेश से आये हजारों साधकों ने भाग लिया।

इस दौरान हेमाद्रि संकल्प व दश स्थान आदि का वैदिक कर्मकाण्ड विधिवत संपन्न कराया गया। आज से प्रारंभ हुए विशेष वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत एक पौधे की पूजा कर की गई। इस अभियान के अंतर्गत वृक्षो रक्षति रक्षित: की भावना से पूरे मास में देशभर में लाखों पौधे रोपने का संकल्प लिया गया है।

अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख शैलदीदी ने अपने संदेश में कहा कि रक्षाबंधन सामाजिक पर्व के साथ ही आत्मिक सुरक्षा, संयम एवं कर्तव्य परायणता का प्रतीक है। हमें एक-दूसरे के आत्मिक विकास व सुरक्षा हेतु समर्पित रहना चाहिए। रक्षासूत्र हमें यह स्मरण कराता है कि हम सदा सत्कर्म और सच्चाई की डोर से बंधे रहें।

कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि रक्षाबंधन भाई बहिन के पवित्र पर्व के साथ ही भारतीय संस्कृति की उस गहराई को दर्शाता है, जहाँ नारी शक्ति को संरक्षण ही नहीं, सम्मान व सामर्थ्य दिया जाता है।

इस अवसर पर शांतिकुंज,देवसंस्कृति विश्वविद्यालय सहित देश-विदेश से आये हजारों साधकों को शैलदीदी ने अपने करकमलों से रक्षासूत्र बांधा और उनके जीवन में आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद दिया। देश विदेश से आई बहिनों ने गायत्री परिवार के अभिभावक डॉ. प्रणव पण्ड्या को रक्षासूत्र बांधकर गुरु-संस्कृति की परंपरा को सजीव किया।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला