Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
पटना, 09 अगस्त (हि.स.)। बिहार में ग्रामीण सड़कों की तस्वीर लगातार बदल रही है। बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति (मरम्मती और रखरखाव) 2018 के तहत ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से 40 हजार, 252 किलोमीटर सड़कों की मरम्मती और रखरखाव की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिसमें से 37 हजार, 026.185 किलोमीटर से भी अधिक सड़कों की मरम्मती का कार्य पूरा हो चुका है।
ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत अबतक 16 हजार, 167 ग्रामीण सड़कों की मरम्मती की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसकी कुल लंबाई 40 हजार, 252.831 किलोमीटर से अधिक है। इस पर 20 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि खर्च की जा रही है। इनमें से 15 हजार, 404 सड़कों की प्रारंभिक मरम्मती का काम पूरा किया जा चुका है, जिनकी कुल लंबाई 36 हजार, 574 किलोमीटर से भी अधिक है।
बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति- 2018 के तहत पूर्वी चंपारण में 2370.42 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कों के अनुरक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। दूसरे स्थान पर पश्चिम चंपारण है, जहां अब तक 1979 किलोमीटर से अधिक सड़कों का रख-रखाव पूरा हो चुका है। इसके बाद मुजफ्फरपुर में 1644.85 किलोमीटर, सारण में 1570.11 किलोमीटर, समस्तीपुर में 1399.11 किलोमीटर, रोहतास में 1358.96 किलोमीटर, गया में 1364.88 किलोमीटर, वैशाली में 1351 किलोमीटर, पटना में 1335.81 किलोमीटर, मधुबनी में 1242.03 किलोमीटर सड़कों का रखरखाव किया गया है।
बिहार ग्रामीण सड़क अनुरक्षण नीति-2018 के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को मजबूत करना है। इस योजना के तहत ग्रामीण सड़कों, पुलों का रख-रखाव और मरम्मती का कार्य किया जाता है, ताकि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लम्बी अवधि तक संपर्कता प्रदान की जा सके।----------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी