वाराणसी में भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन पर्व उत्साह से मनाया जा रहा
—बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी,आरती उतार सुख समृद्धि की कामना की वाराणसी,09 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में शनिवार को भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन पर्व पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। भद्राकाल की बा
राज्यमंत्री को राखी बांधती बच्ची


—बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी,आरती उतार सुख समृद्धि की कामना की

वाराणसी,09 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में शनिवार को भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन पर्व पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। भद्राकाल की बाधा के बाद बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधना शुरू किया। थाली में राखी, रोरी, अक्षत दीप आदि सजाकर भाई के माथे पर तिलक किया। इसके बाद कलाई में राखी बांधकर आरती उतारी और अपने भाइयों के सुख एवं समृद्धि की कामना की। प्रेम के इस प्रतीक पर्व के गवाह रक्षासूत्र बने। परम्परानुसार राखी की बधाई के बदले भाइयों ने भी अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लिया। अलसुबह से लेकर दिन चढ़ने तक भाई के घर पर राखी बांधने के लिए पहुंची विवाहित बहनों पर भाइयों ने भी दिल खोलकर उपहार लुटाया। साड़ी, जेवर आदि बतौर उपहार पाकर बहनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पर्व पर छोटे-छोटे बच्चों का प्रेम भी देखते बन रहा था। सुबह से ही नए वस्त्र पहन कर बहनें अपनी बेटी, बेटों, पति के वाहनों पर सवार होकर बाजार में पहुंची। मिठाइयों की दुकानों से मनपसंद मिठाइयां खरीदीं और राखी की सजी दुकानों से राखी लेकर अपने मायके के लिए रवाना हुईं।

पर्व पर सोशल साइट्स ने भी शहर से बाहर या विदेश में रहने वाले भाइयों व बहनों की दूरियों को कम किया। भाइयों ने बहनों द्वारा भेजी राखियों को बांधा और उसकी फोटो वाट्सएप के जरिये शेयर की। अपनी बहनों से हजारों किलोमीटर दूर रहने वाले ऐसे हजारों भाइयों ने सोशल साइट्स के जरिये रक्षाबंधन सेलिब्रेट किया। फेसबुक और वाट्सएप ने भाई-बहन के प्यार के पर्व को यादगार बनाया। लोगों ने बहनों के साथ जमकर सेल्फी ली और उसे फेसबुक, ट्विटर एवं वाट्सएप पर शेयर किया। सोशल मीडिया पर पूरे दिन भाई-बहन के प्रेम को समर्पित पोस्ट भेजने की होड़ मची रही।

उधर,रक्षाबंधन के दिन भी मिठाइयों की दुकानों पर भारी भीड़ नजर आई। भीड़ होने के कारण मिठाई लेने के लिए महिलाओं को इंतजार करना पड़ा।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी