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मंदसौर, 9 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में शनिवार को रक्षाबंधन का पर्व परम्पराअनुसार मनाया गया। शुभ मुहूर्त में बहन ने भाई की कलाई पर राखी बांधी। वहीं भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में प्रतिवर्षानुुसार इस वर्ष भी निर्मला गुप्ता और अपर्णा जैन ने भगवान पशुपतिनाथ महादेव को राखी बांधी। पिछले 15 वर्षों से इस अनोखी परंपरा को निभा रही हैं। इस बार निर्मला ने 10 फीट और अपर्णा ने 12 फीट लंबी राखी तैयार कर भगवान को अर्पित की। यह राखी न केवल भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, बल्कि पूरे विश्व की रक्षा की प्रार्थना का माध्यम भी बन गई है।
प्रतापगढ़ की रहने वाली निर्मला गुप्ता ने बताया कि मंदसौर में उनका ससुराल है पहले वह भगवान पशुपतिनाथ को राखी बांधती है उसके बाद प्रतापगढ़ अपने भाइयों को राखी बांधने जाती है। निर्मला ने बताया कि उनकी सांस ने कहा था कि मायके में तो तुम्हारा भाई है, ससुराल में भी भाई बनाओ, इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न भगवान पशुपतिनाथ को ही अपना भाई बनाया जाए। यही वजह है कि वह पिछले 15 वर्षों से भगवान पशुपतिनाथ को राखी बांधकर देश की उन्नति के लिए प्रार्थना करती हैं, राखी तैयार करने ने उनकी बहू और बेटियों का भी सहयोग मिलता है।
अपर्णा जैन ने बताया कि वह पिछले 18 सालों से भगवान को रक्षा सूत्र बांधती आ रही है इसका उद्देश्य यही है कि भगवान सभी को खुश रखे, लगभग 10 दिन में तैयार की गई 12 फीट लम्बी राखी में भगवान के मुखों को दशार्या गया है।
मंदसौर जिला जेल में शुभ मुहूर्त के साथ रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सैकड़ों महिलाएं अपने कैदी भाइयों को राखी बांधने जेल पहुंचीं। जेल में बंद 700 पुरुष कैदियों की कलाई पर बहनों ने रक्षा सूत्र बांधे। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें अच्छे रास्ते पर चलने और अपराध न करने का वचन लिया। साथ ही जेल में बंद लगभग 20 महिला कैदियों के भाई भी राखी बंधवाने जेल पहुंचे। इस मिलन के दौरान खुशी के साथ-साथ भावुक दृश्य भी देखने को मिले। दूर-दराज से आई बहनों के साथ परिजन भी आए थे।
जेल प्रशासन ने निश्चित स्थान पर सलाखों के पीछे कैद कैदियों से सभी की मुलाकात करवाई। जेल अधीक्षक प्रेम कुमार ने बताया कि रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस अवसर पर बहनों की भाइयों से प्रत्यक्ष मुलाकात करवाकर रक्षाबंधन मनाने की अनुमति दी गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया