राष्ट्र रक्षा के लिए समाज का समरस होना आवश्यक :  क्षेत्र प्रचारिका
भारतीय जीवन मूल्यों का रक्षण करना ही रक्षाबंधन का मुख्य उद्देश्य बहराइच,09 अगस्त (हि स)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधि के तत्वाधान में रक्षाबंधन के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के सभागार में किया गया। कार
रक्षा बंधन कार्यक्रम में मंच पर राजकिशोर व अन्य


कार्यक्रम में उपस्थित जन


भारतीय जीवन मूल्यों का रक्षण करना ही रक्षाबंधन का मुख्य उद्देश्य

बहराइच,09 अगस्त (हि स)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधि के तत्वाधान में रक्षाबंधन के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के सभागार में किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राष्ट्र सेविका समिति की क्षेत्र प्रचारिका का शशि ने कहा कि, रक्षाबंधन के पावन पर्व हम सभी राष्ट्र रक्षा का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहां की देश विरोधी शक्तियां लगातार दुष्प्रचार कर भारत को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। इस पावन अवसर पर हमें राष्ट्र रक्षा के संकल्प के साथ-साथ अपने देश के लिए सकारात्मक कार्य करना चाहिए। हिंदुत्व भारतीय जीवन मूल्यों का रक्षण करना ही रक्षाबंधन का मुख्य उद्देश्य है राष्ट्र रक्षा के लिए समाज का समरस होना बहुत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्थापना काल से ही सामाजिक समरसता के लिए कार्य कर रहा है। शोषित वंचित समाज के बंधु बान्धओं के साथ हमारा आत्मीय संबंध है। उन्होंने कहा कि जैसे रेशम के कई धागे से मिलकर एक मजबूत सूत्र बनता है इस प्रकार संगठन संपूर्ण समाज को जोड़कर एक संगठित समाज बनाने हेतु कृत संकल्पित है और लगातार संगठन इस दिशा में कार्य कर रहा है।

राष्ट्र जागरण का काम कर रहा संघ: राजकिशोर

प्रांत सामाजिक समरसता संयोजक राजकिशोर ने कहा कि, भारत उत्सवों का देश है और यहां प्रत्येक तिथि कोई न कोई उत्सव है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज जागरण हेतु 6 उत्सवों को प्रमुख रूप से मानता है, जिसमें रक्षाबंधन एक प्रमुख उत्सव है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम का पर्व तो है ही साथ में यह पर्व हमें राष्ट्र रक्षा का भी संकल्प दिलाता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में पुरोहित लोगों को रक्षा सूत्र बांधकर राष्ट्र रक्षा का संकल्प दिलाते थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है ,शताब्दी वर्ष में संगठन में पंच परिवर्तन का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी भाव का जागरण एवं नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। इन पंच परिवर्तन के द्वारा संघ समाज में राष्ट्र जागरण का कार्य कर रहा है। पंचवटी सीताराम आश्रम के श्री रविशंकर महाराज ने कहा कि हमें अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उन लक्ष्यो पर सकारात्मक रूप से कार्य करना चाहिए तभी राष्ट्र और समाज का उत्थान हो सकता है।

कार्यक्रम को जैन समाज के स्वरूप जैन एवं सिख समाज की बहन चरणजीत कौर ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सह जिला सामाजिक समरसता संयोजक अखिलेश कुमार अवस्थी व शिक्षक एवं समाजसेवी आदित्य जैन ने किया।

इस अवसर पर अतिथियों को तुलसी का पौधा एवं लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का चित्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के उपरांत सभी ने एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर राष्ट्र रक्षा का संकल्प लिया

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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन