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बंगाईगांव (असम), 09 अगस्त (हि.स.)। भाई-बहन के प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन इस वर्ष असम में एक विशेष देशभक्ति के माहौल में मनाया गया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत विकास परिषद और सीमांत चेतना मंच पूर्वोत्तर असम के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस कार्यक्रम ने भारतीय संस्कृति और सुरक्षा बलों के प्रति समाज की श्रद्धा को नए आयाम दिए।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह तब हुई, जब भारत विकास परिषद एवं सीमांत चेतना मंच की सदस्याओं और समाजसेवियों ने सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों को तिलक, आरती और मिठाई खिलाकर राखी बांधी। बहनों ने पारंपरिक परिधान पहनकर जवानों की दीर्घायु और सुरक्षा की कामना की।
156वीं बटालियन के उप-कमान्डेंट रजनीश कुमार पाठक ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि ऐसी राष्ट्रवादी संस्थाएं हमारे साथ मिलकर इस पावन पर्व को मना रही हैं। इससे हमें एहसास होता है कि हम केवल सीमा पर ही नहीं, बल्कि समाज के दिलों में भी बसे हैं।”
भारत विकास परिषद एवं सीमांत चेतना मंच पूर्वोत्तर, असम के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, “रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का त्योहार नहीं है, बल्कि यह उन वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है जो देश की सीमाओं की रक्षा में दिन-रात तैनात रहते हैं।”
कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति गीत, कविता पाठ और नारों ने माहौल को देशप्रेम से भर दिया। समापन पर सीआरपीएफ की ओर से भारत विकास परिषद और सीमांत चेतना मंच को स्मृति-चिह्न भेंट किए गए।
इस कार्यक्रम ने समाज और सुरक्षाबलों के बीच आत्मीयता के बंधन को और मजबूत किया, यह संदेश देते हुए कि पूरा देश अपने वीर जवानों के साथ खड़ा है।
हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा