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नई दिल्ली, 8 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के करुणामूलक नियुक्तियों और शिक्षक कल्याण कोष के संबंध में लगाए गए आरोपों को पूरी तरह निराधार और भ्रामक बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया।
उन्होंने आआपा पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने और कर्मचारियों के हितों के कार्यों में बाधा उत्पन्न करने की राजनीति करने का आरोप लगाया।
महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी एक ऐसी पार्टी है जिसने सत्ता में रहते हुए कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया और अब विपक्ष में रहते हुए भी केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में व्यस्त है।
उन्होंने बताया कि जब जून 2024 तक नगर निगम में आआपा की सत्ता थी, तब शिक्षकों के 27 आश्रितों को करुणामूलक नियुक्ति के लिए बार-बार इधर-उधर भटकाया गया। उनके दस्तावेज़ होने के बावजूद जानबूझकर प्रक्रिया को रोका गया।
महापौर ने कहा की भारतीय जनता पार्टी के नगर निगम की सत्ता में आते ही सभी योग्य आश्रितों की करुणामूलक नियुक्ति प्रक्रिया को प्राथमिकता दी और अब उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे हैं।
साथ ही महापौर राजा इकबाल सिंह ने शिक्षक कल्याण कोष से संबंधित मामलों में आम आदमी पार्टी की असंवेदनशीलता को भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि आआपा सरकार के समय 13 मृतक शिक्षकों के आश्रितों को कल्याण कोष से मिलने वाली राशि जानबूझकर रोकी गई।
महापौर ने आआपा से सवाल किया कि अगर वे कर्मचारियों के हितैषी थे, तो अपनी सत्ता के दौरान क्यों एक भी नियुक्ति या कोष वितरण नहीं किया गया?
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी