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गोपेश्वर, 09 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड में एक ऐसा भी मंदिर है। जहां रक्षाबंधन के अवसर पर ही पूजा अर्चना होती है। इसी क्रम में रक्षाबंधन के पर्व पर शनिवार को उच्च हिमालय में स्थित भगवान बंशीनारायण की पूजा अर्चना की गई।
ज्योतिर्मठ ब्लॉक की उर्गम घाटी में उच्च हिमालय में 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बंशीनारायण मंदिर रक्षाबंधन के अवसर पर भगवान की पूजा अर्चना कर खुशहाली की मनौती मांगी गई। उर्गम से 10 किमी की खड़ी चढाई पर स्थित बंशीनारायण के दर्शनों को श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ पड़ा।
गौरतलब है कि भगवान विष्णु चर्तुभुज के रूप में जलेरी में बंशीनारायण मंदिर में विराजमान है। इसी मंदिर में भगवान गणेश तथा वनदेवियों की मूर्तियां भी स्थित है। भगवान शिव और विष्णु का यह मंदिर श्रद्धालुओं को बरबस अपनी ओर आकृष्ट करता है। कत्युरी शैली में बनाए गए इस मंदिर को आर्कषक पत्थरों से तरासा गया है। लोक कथाओं के अनुसार पांडव इस मंदिर को इतना बड़ा बनाना चाहते थे कि यहीं से बदरीकेदार की एक साथ पूजा हो सके। निर्माणकार्य रात ही संपन्न होना तो यह संभव न हो सका। इसके चलते आज भी भीम द्वारा लाये गये विशाल शिलाखण्ड यहां मौजूद हैं।
बताते हैं कि जब वामन अवतार नारायण ने राजा बलि के वचन के अनुसार धरती आकाश को नाप लिया था तो राजा बलि ने तीसरा पग अपने सर पर रखने के लिए वामन भगवान से गुहार लगाई। पग रखते ही वामन भगवान नारायण राजा बलि के साथ पाताल लोक चले गये और बलि के दरबार में द्वारपाल बन गए। इधर, नारायण को न पाकर लक्ष्मी परेशान हो गयी तो नारद जी के पास गई।
भगवान नारद ने भगवान नारायण को पाताल लोक में बलि के दरबार में द्वारपाल होने की बात कही। लक्ष्मी ने नारद से पाताल लोक जाने का अनुरोध किया। नारद लक्ष्मी के साथ पाताल लोक में चले गए। लक्ष्मी ने रक्षाबंधन के दिन राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधा तो बलि ने देवी लक्ष्मी को वरदान मांगने के लिए कहा। लक्ष्मी ने अपने पति मांगा तो राजा बलि ने लक्ष्मी के पति को मुक्त कर दिया।
इसके चलते इस दिन ही वंशीनारण नारायण की पूजा अर्चना मानवों की ओर से शुरू की गई। वर्षभर में रक्षाबंधन के दिन ही यहां पूजा अर्चना होती है। इसी क्रम में शनिवार को रक्षाबंधन के पर्व पर भगवान बंशीनारायण की पूजा अर्चना की गई। कलगोठ के पुजारियों ने भगवान को सत्तू बाडी का भोग लगाया। इस दौरान कलगोठ गावं के युवकों ने श्रद्धालुओं के लिए भंडारा लगाया। पूजा अर्चना में तमाम गांवों के लोग शामिल हुए और खुशहाली मनौती मांगी।
हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल