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मंडी, 9 अगस्त (हि.स.)। ऐतिहासिक नगरी पांगणा-सुकेत में सुकेत अधिष्ठात्री राज राजेश्वरी महामाया पांगणा के दिव्य आंचल में आठ दिवसीय भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन सेवानिवृत्त अध्यापिका सीता गुप्ता, पत्नी स्वर्गीय हुकमचंद गुप्ता, द्वारा किया गया है। कथा वाचन पांगणा के ही कथा व्यास शशांक कृष्ण कौशल कर रहे हैं।
शुभारंभ अवसर पर शशांक कृष्ण कौशल ने आयोजकों, श्रोताओं, संगीतज्ञों, संस्कृत विद्वानों और अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि अब तक वे 250 कथाएं पूर्ण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पहली कथा करने का सौभाग्य भी यहीं महामाया पांगणा-सुकेत के परिसर में जन्माष्टमी की दिव्य रात्रि को मिला था।
उन्होंने कहा कि हर कथा का अपना विशेष उद्देश्य होता है और ‘हरि अनंत, हरि कथा अनंता’ की भावना के साथ जो व्यक्ति भगवान, महापुरुषों और शास्त्रों में आदरपूर्वक विश्वास रखता है, वही सच्चा श्रद्धावान है। मनुष्य ईश्वर की अद्भुत रचना है और सच्चिदानंद, सत्य, प्रकाश और आनंद का प्रतीक है। हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा भगवान की भक्ति का एक रूप है और भागवत कथा भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, योग, समाजधर्म, स्त्रीधर्म और राजनीति जैसे विषयों का स्रोत है।
कौशल ने कहा कि जो श्रद्धालु इस आठ दिन की कथा को सुनते हैं, वे अनजाने में किए गए पापों से मुक्त हो जाते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा