Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
धर्मशाला, 09 अगस्त (हि.स.)। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर ने सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के खाद्य विज्ञान, पोषण एवं प्रौद्योगिकी विभाग में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया। सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव का उद्देश्य शिशुओं और माताओं दोनों के लिए स्तनपान के अनेक लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।
इस वर्ष की थीम, स्तनपान में निवेश करें, भविष्य में निवेश करें, ने यह सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया कि प्रत्येक मां को जीवन के पहले छह महीनों तक केवल स्तनपान कराने के लिए आवश्यक सहायता और जानकारी प्राप्त हो।
उधर अपने संदेश में कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने कहा कि स्तनपान प्रकृति का पहला उपहार है, आजीवन स्वास्थ्य का आधार। कुलपति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्तनपान पर जागरूकता बढ़ाकर, हम स्वस्थ पीढ़ियों में निवेश करते हैं। महाविद्यालय की अधिष्ठाता, डॉ. चंद्रकांता वत्स ने संकाय के प्रयासों की सराहना की और समाज के कल्याण के लिए ऐसी पहलों की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में स्तनपान को एक महत्वपूर्ण अभ्यास के रूप में रेखांकित किया गया जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास में सहायक होता है और मातृ-शिशु संबंध को पोषित करता है।
इस अवसर पर पोस्टर निर्माण, नारा लेखन और समूह चर्चा जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें लगभग 40 छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। जागरूकता अभियान में सिद्धबाड़ी स्थित गुंजन सामुदायिक रेडियो पर प्रसारित शिशु को स्तनपान के लिए एक खुशहाल और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना विषय पर एक रेडियो वार्ता और कृषि में महिलाओं पर अखिल भारतीय समन्वयक अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत स्तनपान का महत्व विषय पर एक ऑनलाइन व्याख्यान भी शामिल था।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया