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शिमला, 9 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के बढ़ते दुरुपयोग और मादक दवाओं के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि मादक दवाओं का कारोबार करने वाली लाइसेंसधारी दवा इकाइयों की निगरानी के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें आबकारी विभाग, पुलिस और औषधि नियंत्रण प्राधिकरण के अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी और नशे के दुरुपयोग को रोकेगी।
उन्होंने कहा कि दवाओं की ट्रैकिंग के लिए सरकार ने जीएसटी परिषद से मादक और मनोप्रभावी दवाओं के लिए अलग ई-वे बिल प्रणाली शुरू करने की मांग की है, ताकि उनकी आवाजाही पर वास्तविक समय में नजर रखी जा सके। इसके साथ ही राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क विभाग ने लाइसेंसधारकों पर मात्रा संबंधी पाबंदी भी लगाई है, जिससे अतिरिक्त स्टॉक का गलत इस्तेमाल न हो।
सरकार एनडीपीएस नियम, 1989 में संशोधन कर रही है और नशा मुक्ति नीति को अद्यतन कर रही है, ताकि कानूनी और प्रशासनिक ढांचा मजबूत हो। जिला स्तर पर अधिकारियों की अध्यक्षता में समितियां भी बनाई गई हैं, जो कानून लागू करेंगी, विभागों में तालमेल बढ़ाएंगी और युवाओं को जागरूक करेंगी।
वहीं, मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ कानूनों की नहीं, बल्कि जिंदगी बचाने और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित रखने की है। उन्होंने जनता से सहयोग कर नशा मुक्त हिमाचल बनाने का आह्वान किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा