वाराणसी में गंगा नदी की बाढ़ से प्रभावित इलाकों में संकट बरकरार
—गाद और गंदगी बनी बड़ी चुनौती, लगातार बारिश से फिर बाढ़ की आशंका वाराणसी, 09 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर बाढ़ के उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर के करीब जाकर अब धीरे-धीरे घटने लगा है। बीते पांच अगस्त को 72.23
राजघाट के पास बाढ़ का नजारा


—गाद और गंदगी बनी बड़ी चुनौती, लगातार बारिश से फिर बाढ़ की आशंका

वाराणसी, 09 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर बाढ़ के उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर के करीब जाकर अब धीरे-धीरे घटने लगा है। बीते पांच अगस्त को 72.23 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद शनिवार को शाम चार बजे यह घटकर 69.60 मीटर पर पहुंच गया। यह जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से नीचे है। हालांकि राहत की बात यह है कि गंगा का जलस्तर अब लगभग दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा है। लेकिन जलस्तर में गिरावट के बावजूद तटवर्ती इलाकों की परेशानी खत्म नहीं हुई है। बाढ़ का पानी तो धीरे-धीरे उतर रहा है, लेकिन पीछे छोड़ गया है भारी मात्रा में गाद, कीचड़ और गंदगी, जिससे जनजीवन अभी भी अस्त-व्यस्त है। गंगा और वरूणा नदी के किनारे बसे इलाकों में रहने वाले लोगों को आंशिक राहत तो मिली है, लेकिन लगातार हो रही बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में जलप्रवाह के चलते एक बार फिर बाढ़ की आशंका मंडरा रही है।

—22 राहत शिविरों में 979 परिवार, चल रहा राहत कार्य

जिला प्रशासन की ओर से वर्तमान में 22 बाढ़ राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं, जहां लगभग 979 परिवारों के 4599 लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत किट, मवेशियों के लिए चारा, साफ पेयजल आदि का वितरण किया जा रहा है। इस कार्य में अफसरों और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका देखी जा रही है। जिला प्रशासन के अनुसार जिन परिवारों को अब तक राहत सामग्री नहीं मिली है, वे अपने क्षेत्र के नजदीकी बाढ़ राहत शिविर में संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

—नगर निगम कर रहा सफाई और कीटनाशक का छिड़काव

बाढ़ के पानी के उतरने के बाद नगर निगम की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में सफाई और कीट नियंत्रण का काम कर रही हैं। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के नेतृत्व में शिवपुरी कॉलोनी पार्क, जलालीपुरा, शैलपुत्री मंदिर मार्ग, प्राथमिक विद्यालय सरैया, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, मणिकर्णिका घाट, नगवा और राजघाट जैसे इलाकों में सिल्ट हटाने और कीटाणु नाशक दवाओं का छिड़काव तेज़ी से किया जा रहा है। स्प्रिंकलर मशीनों से सोडियम हाइपो क्लोराइड, एंटीलार्वा और चूने का छिड़काव किया जा रहा है ताकि मच्छरों के प्रकोप और संक्रमण को रोका जा सके।

—एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस की तैनाती

बाढ़ से जन-धन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और जल पुलिस की टीमें लगातार तैनात हैं। प्रशासन हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है।

—निगरानी और राहत के प्रयास जारी

अपर नगर आयुक्त सविता यादव, संगम लाल, सुभाष सिंह और विनोद कुमार गुप्ता भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। सिल्ट उठान की कार्यवाही लगातार की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी