अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में ईडी ने 80 खातों से 14.29 करोड़ रुपये जब्त किए
कोलकाता, 9 अगस्त (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 80 ‘म्यूल’ बैंक खातों में जमा 14.29 करोड़ रुपये की चल संपत्तियां जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत क
ईडी


कोलकाता, 9 अगस्त (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 80 ‘म्यूल’ बैंक खातों में जमा 14.29 करोड़ रुपये की चल संपत्तियां जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है।

केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि जांच में पता चला कि अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से अर्जित रकम कई ‘म्यूल’ खातों में जमा की जाती थी और बाद में इसे विभिन्न शेल कंपनियों के जरिए इधर-उधर भेजा जाता था। यह मामला सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्तालय, उत्तर बंगाल द्वारा पश्चिम बंगाल जुआ और इनामी प्रतियोगिता अधिनियम, 1957 के तहत दर्ज प्राथमिकी से जुड़ा है।

ईडी ने बताया कि ये सट्टेबाजी ऐप एक औपचारिक कॉर्पोरेट ढांचे में संचालित हो रहे थे। संदिग्ध व्यक्तियों को पैनल और फ्रेंचाइज़ी किराये पर देकर अवैध सट्टेबाजी का नेटवर्क चलाया जा रहा था। इन ऐप में ग्राहक जुटाने के समूह, कॉल सेंटर, अकाउंट विभाग और जीत की राशि का निपटान करने वाले विभाग भी शामिल थे, जो व्हाट्सऐप ग्रुप और टेलीग्राम चैनलों के जरिए गुप्त रूप से काम कर रहे थे। जांच में यह भी सामने आया कि पैनल खरीदने के लिए भुगतान यूएसडीटी जैसी क्रिप्टोकरेंसी में किया जा रहा था।

इससे पहले तीन जून को ईडी ने पश्चिम बंगाल, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और असम में छापेमारी कर ‘म्यूल’ खातों और अवैध सट्टेबाजी/जुआ नेटवर्क से जुड़े कई ठिकानों से आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए थे। इस दौरान विशाल भारद्वाज उर्फ़ बादल भारद्वाज, सोनू कुमार ठाकुर और अभिषेक बंसल को पीएमएलए, 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया था। तीनों आरोपित फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

केंद्रीय एजेंसी ने पहले भी 1,130 ‘म्यूल’ बैंक खातों में जमा लगभग 10.20 करोड़ रुपये को फ्रीज किया था। इस मामले में 10 आरोपितों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की जा चुकी है और विशेष अदालत ने प्री-कॉग्निज़ेंस आदेश जारी कर दिया है। फिलहाल जांच जारी है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर