Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 9 अगस्त (हि.स.) ।
आईआईटी खड़गपुर ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण पर विशेष ध्यान देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। जनवरी से अब तक परिसर के हॉस्टलों में चार छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं के बाद, संस्थान ने पहली बार ‘डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलबीइंग’ (छात्र कल्याण डीन) का नया पद सृजित किया है। इस पद पर सेंटर फॉर ओशन, रिवर, एटमॉस्फियर एंड लैंड साइंसेज के प्रोफेसर अरुण चक्रवर्ती को नियुक्त किया गया है, जिन्होंने कार्यभार संभाल लिया है।
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने शनिवार को बताया कि अरुण चक्रवर्ती बीटेक के नए विद्यार्थियों के इंडक्शन कार्यक्रम में लंबे समय से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं और छात्रों की समस्याओं को भलीभांति समझते हैं। उन्होंने कहा, “आईआईटी खड़गपुर में पहले से डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर्स का पद है, लेकिन छात्रों के कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह अलग पद बनाया गया है। नए डीन छात्रों के साथ जमीन स्तर पर, समूह में और निजी तौर पर बातचीत करेंगे।”
निदेशक ने स्पष्ट किया कि छात्र मामलों और छात्र कल्याण के दायित्व अलग-अलग हैं। जहां डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर्स प्रशासनिक और शैक्षणिक मामलों पर केंद्रित रहते हैं, वहीं डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलबीइंग का पूरा ध्यान मानसिक स्वास्थ्य और छात्रों के व्यक्तिगत सहयोग पर रहेगा।
उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि हमारे किसी भी विद्यार्थी को अतिरिक्त दबाव या तनाव का सामना करना पड़े। बदलते सामाजिक-आर्थिक हालात में छात्रों की मानसिक स्थिति भी बदल रही है। हम हर महीने अभिभावकों से संवाद कर रहे हैं ताकि छुट्टियों में भी छात्र अनावश्यक तनाव से बचें।”
उल्लेखनीय है कि 18 जुलाई को चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र ऋतम मंडल को उनके हॉस्टल के कमरे में फांसी के फंदे से लटका पाया गया था। जनवरी से अब तक तीन अन्य छात्रों की इसी तरह मौत हुई है। आईआईटी खड़गपुर में 21 हॉस्टल हैं, जिनमें करीब 16 हजार छात्र रहते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर