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वाशिंगटन, 09 अगस्त (हि.स.)। पचपन साल पहले 1970 में अपोलो 13 मिशन यान को सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाने वाले अंतरिक्ष यात्री जिम लवेल (जेम्स ए. लवेल जूनियर) का निधन हो गया। 97 वर्षीय जिम लवेल ने गुरुवार को लेक फॉरेस्ट, इलिनोइस में आखिरी सांस ली। तीन सदस्यीय अपोलो 13 अंतरिक्ष यान के कमांडर जिम लवेल अप्रैल 1970 में चंद्रमा के निकट पहुंचते समय हुए एक भयावह विस्फोट से बच गए थे।
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, उनके परिवार ने जिम लवेल के निधन की सूचना सबसे पहले नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) को दी। नासा के कार्यवाहक प्रमुख सीन डफी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। लवेल अपोलो 8 मिशन का भी हिस्सा रहे हैं। वह चंद्रमा पर दो बार जाने वाले पहले व्यक्ति जरूर हैं, लेकिन वास्तव में वहां वह कभी नहीं उतरे।
साल 1995 की फिल्म 'अपोलो 13' में लवेल की भूमिका निभाने वाले अभिनेता टॉम हैंक्स ने उनकी गिनती ऐसे लोगों से की जो हिम्मत करते हैं, सपने देखते हैं और दूसरों को उन जगहों पर ले जाते हैं जहां हम अकेले नहीं जा सकते। कैप्टन लवेल नौसेना के पूर्व पायलट हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में लगभग 715 घंटे उड़ान भरी। यह अवधि संयुक्त राज्य अमेरिका के मर्करी, जेमिनी और अपोलो मिशन में किसी भी अंतरिक्ष यात्री की उड़ान से कहीं अधिक है। मगर कैप्टन लवेल का चांद की सतह पर पहुंचने का सपना कभी पूरा नहीं हुआ।
जिम का जन्म 25 मार्च, 1928 को क्लीवलैंड में हुआ था। वे आर्थर और ब्लैंच (मासेक) लवेल की इकलौती संतान थे। बचपन में ही उनके पिता की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद वे और उनकी मां मिल्वौकी में बस गए। यहीं उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने दो साल तक विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। फिर नौसेना अकादमी में प्रवेश लिया और 1952 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। नौसेना के परीक्षण पायलट के रूप में सेवा देने के बाद उन्हें सितंबर 1962 में नासा के अंतरिक्ष यात्री के रूप में एक ऐसे समूह में चुना गया, जिसे जेमिनी और अपोलो उड़ानों के लिए प्रशिक्षित किया जाना था।
कैप्टन लवेल का पहला अंतरिक्ष मिशन दिसंबर 1965 में शुरू हुआ। उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल फ्रैंक बोरमैन के साथ पहली बार जेमिनी 7 में पृथ्वी की परिक्रमा की। यह 330 घंटे से अधिक की उड़ान थी। इस मिशन में दो मानवयुक्त अंतरिक्ष यान का पहला मिलन भी शामिल था। यह चंद्रमा पर उतरने के लिए आवश्यक अभ्यास का प्रकार था। नवंबर 1966 में कैप्टन लवेल ने जेमिनी 12 की कमान संभाली और वायुसेना के मेजर बज एल्ड्रिन के साथ उड़ान भरी। जुलाई 1969 में अपोलो 11 की उड़ान में नील आर्मस्ट्रांग के बाद एल्ड्रिन चंद्रमा पर कदम रखने वाले दूसरे व्यक्ति बने।
जेमिनी 12 ने चार दिन में पृथ्वी की 59 बार परिक्रमा पूरी की।
कैप्टन लवेल क्रिसमस 1968 में अपोलो 8 की छह दिवसीय यात्रा में कमांड मॉड्यूल पायलट रहे। वे कर्नल बोरमैन और मेजर विलियम ए. एंडर्स के साथ चंद्रमा की परिक्रमा करने वाले पहले व्यक्ति बने। उन्होंने 10 बार चंद्रमा की परिक्रमा की। वह मार्च 1973 में नासा और नौसेना से सेवानिवृत्त हुए। 1975 में उन्हें बे-ह्यूस्टन टोइंग कंपनी का अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी नियुक्त किया गया। बाद में वे दूरसंचार कंपनियों में वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी रहे। उन्होंने शिकागो में परामर्श फर्म लवेल कम्युनिकेशंस की स्थापना की। उनके परिवार ने लेक फॉरेस्ट, इलिनोइस में एक रेस्टोरेंट का संचालन किया। इस रेस्टोरेंट में उनके अंतरिक्ष करियर की यादगार चीजें रखी गई थीं। यह रेस्टोरेंट 2015 में बंद हो गया।
तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन ने 1970 में कैप्टन लवेल को अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से अलंकृत किया। वर्ष 1995 में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उन्हें कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। कैप्टन लवेल के परिवार में उनके बेटे जेम्स तृतीय (जिन्हें जेके नाम से जाना जाता है) और जेफरी, उनकी बेटियां बारबरा लवेल हैरिसन और सुसान लवेल के अलावा 11 पोते-पोतियां और नौ परपोते-परपोतियां हैं। उनकी पत्नी मैरिलिन (गेरलाच) लवेल का 2023 में निधन हो चुका है।
प्रसिद्ध अपोलो अंतरिक्ष यात्री जिम लवेल के निधन पर नासा के कार्यवाहक प्रशासक सीन डफी ने कहा, ''नासा कैप्टन जिम लवेल के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है। लवेल के जीवन और कार्य ने दशकों तक लाखों लोगों को प्रेरित किया। जिम के अदम्य साहस ने अमेरिका को चंद्रमा तक पहुंचने में मदद की और एक संभावित त्रासदी को ऐसी सफलता में बदल दिया जिससे हमने बहुत कुछ सीखा। नासा उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए निधन पर शोक व्यक्त करता है।''
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद