आर.जी. कर त्रासदी की पहली बरसी पर अमित मालवीय ने ममता सरकार को निशाने पर लिया
कोलकाता, 9 अगस्त (हि.स.) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या कांड की पहली बरसी पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पश्चिम बंगाल के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने ममता बनर्जी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा मे
अमित मालवीय


कोलकाता, 9 अगस्त (हि.स.) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या कांड की पहली बरसी पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पश्चिम बंगाल के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने ममता बनर्जी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा में विफल रहने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है।

मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक्स पर शनिवार को आंकड़ों के साथ एक बयान जारी कर कहा कि पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए देश के सबसे असुरक्षित राज्यों में से एक बन गया है। उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2022 में राज्य में महिलाओं के खिलाफ 34 हजार 738 अपराध दर्ज हुए, जिससे यह देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है। उनके अनुसार, राज्य की अपराध दर 71.8 प्रति एक लाख आबादी है, जो राष्ट्रीय औसत 65.4 से अधिक है।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि अगस्त 2024 तक पश्चिम बंगाल में बलात्कार और पॉक्सो से जुड़े 48 हजार 600 मामले लंबित हैं, जबकि फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें मौजूद हैं। मालवीय के अनुसार, यह ममता बनर्जी सरकार की प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है।

मालवीय ने कहा, “ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल की महिलाएं असुरक्षित, अनसुनी और उपेक्षित हैं। राज्य को केवल जवाब नहीं, जवाबदेही चाहिए। 2026 में उन्हें सत्ता से बाहर करना ही एकमात्र रास्ता है।”

आर.जी. कर कांड को लेकर उन्होंने कहा कि एक वर्ष बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने लिखा है, “कूचबिहार से बासंती, पाटुली से कसबा तक, बंगाल की बेटियों की चीखें अब भी गूंज रही हैं। खुद को बंगाल की रक्षक कहने वाली मुख्यमंत्री के पास उनके दर्द को सुनने का समय नहीं है। वे महिलाओं की सुरक्षा के बजाय उनके चरित्र पर सवाल उठाने में व्यस्त हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल, जिसने कभी महिला सशक्तिकरण और नारी जागरण की राह दिखाई थी, आज अपनी बेटियों को ममता बनर्जी के “स्त्री-विरोधी शासन” से मुक्ति की गुहार लगानी पड़ रही है। अंत में मालवीय ने विश्वास जताया कि 2026 का चुनाव बंगाल की बेटियों को न्याय दिलाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर