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मुंबई, 09 अगस्त (हि.स.)। ठाणे पुलिस मुख्यालय ने ठाणे सेंट्रल के दो कैदियों के लापता होने के बाद शनिवार को 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। फिलहाल, ठाणे पुलिस के निलंबित पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ जारी है।
ठाणे पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि 4 अगस्त को पुलिस हेड कांस्टेबल गंगाराम घुले, गिरीश भीकाजी पाटिल, विलास जगननाथ मोहिते, किशोर शिर्के, अशोक विश्वंभर मुंडे, संदीप सूर्यकांत खरात, सुनील दिनकर निकालजे, भारत संग्राम जायभाये और विक्रम आनंद जम्बूरे 7 विचाराधीन कैदियों को ठाणे सेंट्रल जेल से कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले गए थे। अस्पताल में औचक निरीक्षण के दौरान, वरिष्ठ अधिकारियों को हिरासत में मौजूद 7 कैदियों में से केवल 5 ही विचाराधीन कैदी मिले। 5 विचाराधीन कैदियों में से एक बिना किसी रोक-टोक के बाहर बैठा था, जबकि एस्कॉर्टिंग स्टाफ अपने फोन पर बात कर रहा था। इन 7 विचाराधीन कैदियों में से दो करण धबालिया और राजेशभाई पम्बर लापता पाए गए थे। इसके बारे में पूछे जाने पर इन 9 पुलिसकर्मियों के प्रभारी गंगाराम घुले ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, बाद में दावा किया कि वे शौचालय में थे। तलाशी में उनका कोई सुराग नहीं मिला। इससे संदेह पैदा हुआ कि उन्होंने कैदियाें काे भागने के लिए अपने पुलिस एस्कॉर्ट के साथ मिलीभगत की होगी। दोनों कैदियों को लगभग एक घंटे बाद अस्पताल परिसर में पाया गया, लेकिन अधिकारियों ने निष्कर्ष निकाला कि एस्कॉर्ट टीम ने अपने वरिष्ठों को गुमराह किया था।
निलंबन आदेश में अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदारी और समर्पण बनाए रखने में विफल रहने और महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1979 के नियम 3 का उल्लंघन करने और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 और महाराष्ट्र पुलिस (दंड और अपील) नियम, 1956 के उल्लंघन की वजह से इन सभी निलंबित करने का दावा किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव