मंदसौरः 14 वर्षीय प्रणामिका ने लिखी किताब, कलेक्टर ने की सराहाना
मंदसौर, 9 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मंदसौर की रहने वाली 14 साल की प्रणामिका जैन जो एक युवा कवयित्री और लेखिका है। प्रणामिका एक लेखिका है, जिसने दु:ख की गूँज में अपनी आवाज पाई। इनकी किताब सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं है। यह इनके दिल का एक टुकड़ा ह
14 वर्षीय  प्रणामिका ने लिखी  किताब, कलेक्टर ने की सराहाना


मंदसौर, 9 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मंदसौर की रहने वाली 14 साल की प्रणामिका जैन जो एक युवा कवयित्री और लेखिका है। प्रणामिका एक लेखिका है, जिसने दु:ख की गूँज में अपनी आवाज पाई। इनकी किताब सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं है। यह इनके दिल का एक टुकड़ा है, जो इनके दिवंगत पिता की यादों से जुड़ा है, जो इनकी सबसे बड़ी प्रेरणा भी हैं।

प्रणामिका की पुस्तक ऐशेज बिनीथ माई एंकलेट्स की हर कविता उन जगहों से जन्मी है जहाँ प्रणामिका ने खुद को सबसे ज्यादा अलग, सबसे ज्यादा टूटा हुआ और सबसे ज्यादा मानवीय महसूस किया। प्रणामिका कहती है, लिखना मेरे लिए दर्द के साथ बैठने का, भूलने की बजाय याद करने का तरीका बन गया। यह सिर्फ़ मेरी कहानी नहीं है - यह मेरे उन सभी रूपों को श्रद्धांजलि है जो बच गए।

कविता संग्रह के साथ ही प्रणामिका ने 3 वर्ष की उम्र से ही पौधे लगाना प्रारंभ किया था। ये जब 3 वर्ष के थे तब इन्होंने शुरूआत में तीन पौधे लगाए। आज प्रणामिका की उम्र 14 वर्ष है, और अभी तक ये संजीत, एसपी आॅफिस, कलेक्टर कार्यालय, अस्पताल, कौशल्या धाम, निराश्रित विक्षिप्त महिला आश्रय ग्रह एवं पुनर्वास केन्द्र मंदसौर इत्यादि स्थानों पर 100 से अधिक पौधे लगाने का रिकॉर्ड स्थापित कर चुकी है। इन्होंने पर्यावरण बचाव के लिए भी अपना अमूल्य योगदान दिया है।

प्रणामिका ने कोविड के दौरान अपनी पॉकेट मनी से बेसहारों को भोजन भी प्रदान किया। अनाथ बच्चों की काउंसलिंग भी की। निराश्रित विक्षिप्त महिला आश्रय ग्रह एवं पुनर्वास केन्द्र में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करती है।

कलेक्टर अदिती गर्ग को प्रणामिका जैन ने ऐशेज बिनीथ माई एंकलेट्स पुस्तक भेट की। कलेक्टर ने बेहतरीन कविता संग्रह के लिए प्रणामिका को बधाई और शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने कहा कि आपका यह संघर्ष अन्य लोगों के लिए प्रेरणादाई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया