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कोलकाता, 08 अगस्त (हि.स.)। अभिनेता प्रसेनजीत चटर्जी को भाषा विवाद पर अपनी टिप्पणी के लिए सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
उनकी तस्वीर और उद्धरण वाली पोस्ट के सार्वजनिक होने के बाद से ही प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि बांग्ला भाषा थी, है और रहेगी, मैं इसके लिए लडूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए। इस पर सोशल मीडिया यूजर कौस्तव बसु लिखा, थोड़ा और करो और कस्बा लॉ कॉलेज के बारे में कुछ कहो, तो बंगाली आभारी होंगे।
सुनीत रंजन चौधरी ने लिखा, फ़िल्में करने और कभी-कभी अपनी पत्नी को छोड़ने के अलावा और कोई काम नहीं है! उत्तम दास ने लिखा, उसने अपने चेहरे पर कालिख लगा लिया! समरजीत मंडल ने लिखा, जब तक हो सके, चापलूसी करो!
सौम्यजीत दास और देबाशीष हलधर ने लिखा, बांग्लादेशी और बांग्लाभाषी एक जैसे नहीं हैं। तापस मंडल ने लिखा, जब हिंदू धर्म पर इतना अत्याचार हो रहा था, तब आप कहां थे?
मनी पाडुई ने लिखा, बांग्ला पहले भी थी, अब भी है और आगे भी रहेगी, लेकिन चूंकि बंगाली के लिए इतना आंदोलन करने वालों के ज़्यादातर बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, इसलिए बांग्ला माध्यम के स्कूल बंद हो रहे हैं और जिनमें शिक्षक हैं, उनकी संख्या भी कम है। कोई भी ग़रीबों के बारे में नहीं सोचता, वे सिर्फ़ अपने बारे में सोचते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय