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— विंध्य योग सेवा धाम व पतंजलि युवा भारत के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय ऑनलाइन बाल योग कार्यशाला सम्पन्न
मीरजापुर, 7 अगस्त (हि.स.)। योग अब सिर्फ वयस्कों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह नन्हें बालकों की दिनचर्या का भी अहम हिस्सा बनता जा रहा है। इसी क्रम में विंध्य योग सेवा धाम एवं पतंजलि युवा भारत के संयुक्त तत्वावधान में पांडेपुर स्थित एक स्कूल के बच्चों के लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन बाल योग कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें देशभर की महिला योग प्रशिक्षकों ने हिस्सा लेकर बच्चों को खेल-खेल में योग के विविध अभ्यास सिखाए।
इस विशेष योग कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षक रहीं पश्चिम बंगाल की योगिनी गौतमी भट्टाचार्या, जिन्होंने बच्चों को बेहद सरल भाषा में योग, प्राणायाम, सूक्ष्म व्यायाम व आसनों का अभ्यास कराते हुए उनके लाभ विस्तार से समझाए। उन्होंने बैठकर और खड़े होकर किए जाने वाले आसनों के साथ-साथ ध्यान और श्वास नियंत्रण पर भी बच्चों को मार्गदर्शन दिया। बच्चे पूरे उत्साह के साथ योगाभ्यास में शामिल हुए और स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी टिप्स भी सीखे।
गौतमी भट्टाचार्या ने बच्चों की लगन और योग कौशल से प्रभावित होकर उन्हें स्वस्थ, समृद्ध और प्रसन्न रहने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि आज की पीढ़ी में योग के प्रति यह रुझान बहुत सुखद संकेत है।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे पतंजलि युवा भारत के राज्य महामंत्री व राष्ट्रीय योगासन जज योगी ज्वाला सिंह ने कहा कि “आज के युग में दूषित आहार और वातावरण के कारण बच्चे भी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में उन्हें बाल्यकाल से ही योग से जोड़ना अनिवार्य है, ताकि वे मानसिक व शारीरिक रूप से सशक्त बन सकें। योग केवल शरीर ही नहीं, देश की दशा और दिशा सुधारने का भी माध्यम है।”
तीन दिन तक चली कार्यशाला में अलग-अलग राज्यों से महिला योग गुरुओं ने बच्चों को योग की विविधताओं से अवगत कराया। इसमें गोरखपुर से योगिनी विदुषी मनीषा, मेरठ से योगिनी रुचि त्यागी, राजस्थान से योगिनी लिपाक्षी कुमावत और पश्चिम बंगाल से गौतमी भट्टाचार्या ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यशाला के सफल संचालन में वीना श्रीवास्तव, तृप्ति श्रीवास्तव, रुचिका शर्मा, भारतीय अस्थाना, क्षमा पांडेय, संगीता विश्वकर्मा सहित अन्य शिक्षकों ने तकनीकी सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा