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कानपुर, 07 अगस्त (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा बैठक गुरूवार को सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने करते हुए कहा कि आरबीएसके टीम नियमित अंतराल पर आंगनबाड़ी केंद्रों एवं परिषदीय विद्यालयों में जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच करें।
मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने कहा कि यह कार्य सुचारू रूप से चले, इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनिश्चित करें कि विद्यालयों में आरबीएसके टीम समय पर पहुंच रही है। साथ ही इसकी सूचना उन्हें भी उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि आरबीएसके टीम के वाहनों में लगे जीपीएस की सक्रियता की निगरानी की जाए। संबंधित क्षेत्र के एमओआईसी को वाहन की जीपीएस क्रियाशीलता का प्रमाण-पत्र देना होगा, तभी उसका भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की सफलता के लिए यह ज़रूरी है कि निगरानी प्रणाली प्रभावी ढंग से काम करे और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए इस योजना के अंतर्गत जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों में 30 से अधिक प्रकार की बीमारियों की पहचान और उनका उपचार किया जाता है। इनमें जन्मजात हृदय दोष, बाल्यकाल की अंधता, बहरापन, बौद्धिक मंदता, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, हेमोफिलिया, मिर्गी, मानसिक विकार, त्वचा रोग, पोषण की कमी, दाँत और आँखों की समस्याएँ, शारीरिक अपंगता, जन्मजात असामान्यता, मुँह का तालू न बनना, क्लब फुट, डाउन सिंड्रोम जैसी गंभीर स्थितियाँ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन रोगों की समय पर पहचान से बच्चों को एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद