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जबलपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जबलपुर में गुरुवार को ग्रीन कॉरीडोर के जरिए सत्येन्द्र नामक युवक के ब्रेन डेड होने के बाद पारिवारिक स्वीकृति मिलते ही उसके हार्ट, किडनी और लिवर दूसरे मरीज को भेजे गये। ये अंग ग्रीन कॉरिडोर के जरिये अहमदाबाद, भोपाल पहुंचाए गए। जहाँ मरीज को जीवन देने के लिए ट्रांसप्लांट किए जाएंगे। इस कार्य मे प्रशासन, पुलिस सहित मेडिकल की मुख्य भूमिका रही।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल से ग्रीन कॉरीडोर तैयार किया गया था। दान किये गए अंगों को इस ग्रीन कॉरिडोर से एंबुलेंस के जरिए बिना किसी रुकावट एयरपोर्ट तक पहुंचया गया। ये एंबुलेंस मेडिकल कॉलेज से निकलकर रामपुर हिल्स से होते हुए सीएमएस, सिविल लाइन के रास्ते डुमना पहुंची। इस कॉरीडोर को तैयार करने में कलेक्टर दीपक सक्सेना, एसपी सम्पत उपाध्याय सहित मेडिकल कॉलेज के ही नवनीत सक्सेना, अधीक्षक डॉ अरविंद शर्मा, सुपर स्पेशलिटी डायरेक्टर डॉ अवधेश सिंह कुशवाहा का मार्गदर्शन रहा।
नईदिल्ली, अहमदाबाद और भोपाल से एक्सपर्ट की टीम आई थी। अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया के बाद उसे मेडिकल कॉलेज से भोपाल और अहमदाबाद भेजा जाएगा। लीवर और हार्ट को ट्रांसप्लांट के लिए मेदांता अस्पताल दिल्ली की टीम और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए भोपाल भेजा गया है। इन अंगों को लिवर सर्जन डॉ अरविंद सिंह सोइन भोपाल के सिद्धान्ता हॉस्पिटल में सर्जरी करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर से लिवर निकलने के 6 घंटे के अंदर ही उसे दूसरे शरीर में ट्रांसप्लांट करना होता है। हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए अहमदाबाद से विशेषज्ञ आए हैं। जानकार कहते हैं कि भोपाल जो लीवर गया है, वह भोपाल में जोधपुर राजस्थान के रहने वाले कृष्णा व्यास को दिया जाएगा। मरीज का ऑपरेशन दिल्ली से भोपाल बुलाकर किया जा रहा है, जिसमें मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम शामिल होगी।
सिवनी के घंसौर के रहने वाला सत्येंद्र यादव गढ़ा में एक सड़क हादसे में घायल हो गए थे जिन्हें मेडिकल के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया था। बुधवार रात युवक को ब्रेन डेड घोषित किया गया था। सत्येन्द्र सिलेंडर सप्लाई का काम करता था। ब्रेन डेड होने के बाद डॉक्टरों ने परिवार से संपर्क किया था और उन्हें अंगदान की बात की, जिस पर परिजनों ने स्वीकृति दे दी थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक