संसद में एसआईआर पर चर्चा से बचना चाहती है सरकार : गोगोई
नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और चुनाव प्रक्रिया पर संसद में चर्चा को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। गोगोई ने संसद भवन परिसर में मीडिया से कहा कि सरकार के
गौरव गोगोई


नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और चुनाव प्रक्रिया पर संसद में चर्चा को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

गोगोई ने संसद भवन परिसर में मीडिया से कहा कि सरकार के मंत्री संसद को चुनाव प्रक्रिया को लेकर गुमराह कर रहे हैं। सत्तापक्ष की मंशा केवल चर्चा से बचने की है और इसके लिए तकनीकी तर्कों का सहारा लिया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है। सरकार यह कहकर बहाना बनाती रही है कि चुनाव आयोग से संबंधित मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसका जवाब किस मंत्रालय को देना होगा, लेकिन ऐतिहासिक रूप से संसद के दोनों सदनों में इस विषय पर कई बार चर्चा हुई है। उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में हुई ऐसी कई चर्चाओं का हवाला देते हुए कहा कि 2005 में चुनाव सुधार पर दो दिन की लघु अवधि चर्चा हुई थी। वर्ष 1995 में बिहार में चुनाव स्थगन को लेकर चर्चा हुई, 1981 में चुनावी कानूनों की खामियों पर बात हुई थी। वर्ष 1957 और 1979 में भी चुनाव आयोग से जुड़े मुद्दों पर लघु अवधि चर्चा हुई।

उन्होंने राज्यसभा के उदाहरण भी गिनाए, जैसे कि 2019 में चुनाव सुधार पर चर्चा हुई थी और उस समय के कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने उत्तर दिया था। वर्ष 2015 में एनआरआई को प्रॉक्सी वोटिंग और ई-पोस्टल वोटिंग से जुड़ी चर्चा में सदानंद गौड़ा ने जवाब दिया था। वर्ष 1991, 1981 और 1961 में भी चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा हुई और उस समय के कानून मंत्रियों ने जवाब दिया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर