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शिमला, 07 अगस्त (हि.स.)। सामाजिक समावेश की दिशा में एक प्रगतिशील कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी एवं निजी तकनीकी शिक्षण संस्थानों में अनाथ बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक-एक सीट आरक्षित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेजों और फार्मेसी संस्थानों पर लागू होगा।
इस पहल का उद्देश्य समाज के सबसे संवेदनशील वर्गों में शामिल अनाथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करना है। सरकार का प्रयास है कि संरचनात्मक और वित्तीय बाधाओं को दूर करके इन बच्चों को अपने उज्ज्वल भविष्य के सपने को साकार करने का एक सम्मानजनक अवसर प्रदान किया जाए।
एक सरकारी प्रवक्ता ने वीरवार काे बताया कि इस नई पहल के अंतर्गत प्रवेश पूरी तरह मेरिट के आधार पर होंगे और पात्रता की पुष्टि सक्षम अधिकारी द्वारा की जाएगी। यह प्रावधान कुल स्वीकृत सीटों की संख्या बढ़ाए बिना और संस्थानों पर किसी अतिरिक्त ढांचागत या वित्तीय बोझ डाले बिना लागू किया जाएगा। इसी प्रकार गुणवत्ता से समझौता किए बिना, इसका उद्देश्य मौजूदा संसाधनों के बेहतर उपयोग के माध्यम से सामाजिक समावेश को बढ़ावा देना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला