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कोलकाता, 7 अगस्त (हि.स.) ।
विश्वकवि रवींद्रनाथ ठाकुर की पुण्यतिथि पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भावनात्मक ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने गुरुदेव को हमारे प्राणों के ठाकुर कहकर याद करते हुए उनके विचारों को आज के समय में और अधिक प्रासंगिक बताया।
गुरुवार को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में लिखा कि गुरुदेव हर दिन, हर पल हमारे चारों ओर मौजूद रहते हैं। आज जब केवल बांग्ला भाषा बोलने के कारण लोगों पर हमले हो रहे हैं, उस समय रवींद्रनाथ ठाकुर ही हमें संघर्ष की प्रेरणा देते हैं। ममता ने इस मौके पर बंगाली भाषा पर हो रहे कथित हमलों को लेकर गहरी पीड़ा भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब रवींद्रनाथ जैसी महान प्रतिभा की भाषा पर हमला होता है, तो यह केवल दुखद नहीं, बल्कि अत्यंत मर्माहत कर देने वाला है।
मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में गुरुदेव की प्रसिद्ध पंक्ति “चित्त जेथा भयशून्य, उच्च जेथा शिर” ! (जहां हृदय भयमुक्त और सिर ऊंचा हो) का उल्लेख करते हुए कहा कि भयमुक्त भारत के निर्माण में रवींद्रनाथ हमारे ध्रुवतारा हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि शांतिनिकेतन से गुरुदेव को प्रणाम करते हुए राज्य सरकार ने 'भाषा हिंसा' के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत कर दी है। उन्होंने दोहराया कि जब तक बंगाली भाषा के प्रति दुर्भावना और हमला जारी रहेगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इस संघर्ष के मार्गदर्शक रवींद्रनाथ ठाकुर ही हैं।
मुख्यमंत्री ने आह्वान करते हुए कहा कि आज का दिन एक नई शपथ लेने का दिन है— हम बंगाली भाषा पर कोई सत्तात्मक हमला स्वीकार नहीं करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर